बड़ा झटका: ग्लोबल लोकतंत्र सूचकांक में भारत फिसला, 10 स्थान गिरकर इस पायदान पर पहुंचा

   

वैश्विक लोकतंत्र के सूचकांक में भारत दस पायदान नीचे आ गया है। ब्रिटिश संस्थान ‘द इकोनॉमिस्ट ग्रुप’ की इकोनॉमिक इंटेलीजेंस यूनिट (ईआईयू) की ओर से जारी 2019 की सूची में भारत 51वें स्थान पर है। लोकतंत्र सूचकांक की वैश्विक सूची में भारत 10 स्थान लुढ़क कर 51वें स्थान पर आ गया है। 2018 में भारत के अंक 7.23 थे, जो घटकर 6.90 रह गए हैं।  यह वैश्विक सूची 165 स्वतंत्र देशों और दो क्षेत्रों में लोकतंत्र की मौजूदा स्थिति का एक खाका पेश करती है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में नागरिकों की आजादी की स्थिति एक साल में कम हुई है। लोकतांत्रिक सूची में यह गिरावट देश में नागरिक स्वतंत्रता के ह्रास के कारण आई है। सूची में चीन 153वें स्थान पर है। नार्वे शीर्ष पर व उत्तर कोरिया सबसे नीचे है। सूचकांक सरकार का कामकाज, चुनाव प्रक्रिया व बहुलतावाद, राजनीतिक भागीदारी, राजनीतिक संस्कृति और नागरिक स्वतंत्रता पर आधारित है।

इनके कुल अंकों के आधार पर देशों को चार प्रकार के शासन में वर्गीकृत किया जाता है- ‘पूर्ण लोकतंत्र’ (8 से ज्यादा अंक हासिल करने वाले), त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र (6 से ज्यादा लेकिन 8 या 8 से कम अंक वाले), संकर शासन (4 से ज्यादा लेकिन 6 या 6 से कम अंक हासिल करने वाले) और सत्तावादी शासन (4 या उससे कम अंक वाले)। भारत को ‘त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र’ में शामिल किया गया है।

इस बीच चीन 2019 में गिरकर 2.26 अंकों के साथ अब 153वें पायदान पर है। यह वैश्विक रैंकिंग में निचले पायदान के करीब है। उभरती हुई दूसरी अर्थव्यवस्थाओं में ब्राजील 6.86 अंक के साथ 52वें पायदान पर है, रूस 3.11 अंक के साथ सूची में 134वें स्थान पर है। इस बीच पाकिस्तान कुल 4.25 अंकों के साथ सूची में 108वें स्थान पर है, श्रीलंका 6.27 अंकों के साथ 69वें और बांग्लादेश 5.88 अंकों के साथ 80वें स्थान पर है। नार्वे इस सूची में शीर्ष पर है जबकि उत्तर कोरिया 167वें स्थान के साथ सबसे नीचे है।