भगोड़े मेहुल चोकसी के भारतीय नागरिकता छोड़ने पर सरकार ने दिया ये बयान

,

   

PNB Scam: 13000 करोड़ रुपये के ज्यादा के पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक मेहुल चोकसी के भारतीय नागरिकता छोड़ने पर सरकार की तरफ से पहला बयान आया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर कहा है कि ‘हमारी सरकार ने ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018′ पास किया है। जो भाग गए हैं उन्हें वापस लाया जाएगा। इसमें हालांकि कुछ समय लग सकता है, लेकिन हम उन्हें वापस ले आएंगे।’

चोकसी ने अपने भारतीय पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया है। उसने अपना भारतीय पासपोर्ट एंटीगुआ हाईकमीशन में जमा कर दिया है। वांछित भगोड़ा हीरा कारोबारी चोकसी गीतांजलि ग्रुप का चेयमैन है और उसने एंटीगुआ में शरण ले रखी है। सूत्रों के मुताबिक, चोकसी ने अपने पासपोर्ट नंबर जेड 3396732 को कैंसिल्ड बुक्स के साथ जमा करा दिया है। नागरिकता छोड़ने के लिए चोकसी को 177 अमेरिकी डॉलर का ड्राफ्ट भी जमा करना पड़ा है। इस बारे में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने गृह मंत्रालय को सूचना दे दी है। चोकसी ने साल 2017 में ही एंटीगुआ की नागरिकता ली थी।

पिछले साल जनवरी में भारत छोड़कर भागा था

पिछले साल जनवरी माह में पीएनबी घोटाला खुलने की भनक के बाद मेहुल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी फरार हो गए थे। उन दोनों के फरार होने के बाद घोटाला देश के सामने आया था। चोकसी ने मुंबई की एक कोर्ट से दिसंबर 2018 में लिखित में कहा था कि वह एंटीगुआ से 41 घंटे की यात्रा कर भारत नहीं आ सकता। इसके लिए उसने अपनी खराब सेहत का हवाला दिया था। घोटाला सामने आने के बाद कई बार जांच एजेंसियां और कोर्ट द्वारा उन्हें समन भेजा जा चुका है लेकिन दोनों में से कोई भी वापस नहीं लौटा है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस माह के पहले सप्ताह में भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि समूह की थाईलैंड में स्थित 1314 करोड़ रुपये कीमत की एक फैक्टरी को कुर्क कर लिया था। ईडी ने कहा था कि इस कुर्की के साथ पीएनबी घोटाले में की गई कुर्की व जब्ती करीब 4,765 करोड़ रुपये तक की हो गई है। आगे की जांच जारी है।