नई दिल्ली : हिंदुत्व के पोस्टर बॉयज़ में से एक, गिरिराज सिंह अपनी ही पार्टी से अधिक परेशान हैं क्योंकि सहयोगी एलजेपी, जिसे एनडीए की सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत नवादा सीट दी गई है, उनके लिए सीट छोड़ने के लिए तैयार था। 2013 में सार्वजनिक रूप से नरेंद्र मोदी को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आह्वान करने वाले पहले नेताओं में से एक, उन्होंने अपनी सरकार में सबसे मुखर मंत्रियों में से एक के रूप में जाना गया, आलोचकों पर हमला करने के लिए सबसे अच्छा उनका रिमार्क ‘मुसलमानों को पाकिस्तान भेजो’ था।
लेकिन पार्टी द्वारा बेगूसराय लोकसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में नामित किए जाने के तीन दिन बाद, गिरिराज सिंह अभी भी नई दिल्ली में हैं, फिर भी सीट पर चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं। वह अपने “सम्मान” की ओर इशारा करते हैं, निराश और नाराज होते हैं कि पार्टी ने उनकी नवादा सीट छीनने से पहले उनसे सलाह नहीं ली और उन्हें बेगूसराय सीट दे दिया। उन्होंने कहा, मेरी ही पार्टी के राज्य भाजपा नेतृत्व ने, जिसने बिहार में किसी भी सांसद को विस्थापित नहीं किया, लेकीन मुझे कर दिया गया जिससे मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। मेरे (भाजपा) केंद्रीय नेतृत्व मेरे खिलाफ नहीं है लेकिन उन्होने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मेरे सम्मान और मेरे स्वाभिमान को चोट पहुंचाने का काम राज्य के नेतृत्व द्वारा किया गया है।
केंद्रीय मंत्री और BJP के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) को BJP ने इस बार बेगूसराय सीट से उम्मीदवार बनाया है. मगर खबर है कि गिरिराज सिंह बेगूसराय से नहीं, नवादा से ही चुनाव लड़ना चाहते हैं. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए बिहार में अपने सभी उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. इसी क्रम में बीजेपी ने गिरिराज सिंह को नवादा सीट की जगह बिहार के बेगूसराय से टिकट दिया है. गिरिराज सिंह पहले दबी जुबान में बेगूसराय से लड़ने में आनाकानी कर रहे थे, मगर अब वह खुलकर बीजेपी की राज्य इकाई के खिलाफ बोल रहे हैं और उनका कहना है कि बेगूसराय सीट पक्की करने से पहले उनसे किसी ने पूछा तक भी नहीं. समाचार एजेंसी ANI से नवादा के सांसद और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि ‘मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है क्योंकि बिहार में किसी भी सांसद की सीट नहीं बदली गई है.
गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कहा कि ‘मुझसे बिना पूछे इसका फैसला लिया गया. बिहार बीजेपी नेतृत्व को मुझे बताना चाहिए कि ऐसा क्यों किया गया. बेगूसराय से मुझे कोई दिक्कत नहीं है. मगर मैं अपने आत्म सम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकता.’ सूत्रों की मानें तो गिरिराज सिंह इस विषय़ पर केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करना चाहते हैं और वह चाहते हैं कि किसी तरह उन्हें फिर से नवादा सीट से ही लड़वाया जाए. यही वजह है कि उन्होंने अब तक बेगूसराय से चुनावी तैयारियां भी नहीं शुरू की है. हालांकि, खबर यह भी है कि बीजेपी ने जो सीटें तय कर दी है, उससे अब वह पीछे नहीं हटने वाली है और अब गिरिराज सिंह को मनाने की कोशिश भी बीजेपी नहीं कर रही है. यानी अब बेगूसराय से ही गिरिराज सिंह को लड़ना होगा.