भाजपा की सहयोगी अकाली दल ने नागरिकता कानून पर स्टैंड बदलने से किया इनकार

   

भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने से सोमवार को इनकार कर दिया। पार्टी नेता मनिंदरजीत सिंह सिरसा ने कहा कि भाजपा ने नागरिकता संशोधन कानून पर हमें अपना स्टैंड बदलने को कहा था। लेकिन, हमने अपना स्टैंड बदलने की बजाय चुनान न लड़ने का फैसला किया है।

कोई ऐसा कानून न बने, जो लोगों को कतारों में खड़ा करता हो- अकाली दल
अकाली दल नेता सिरसा ने कहा- सुखबीर बादलजी ने सीएए पर जो स्टैंड लिया है, उसे बदलने की बजाय हमने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। हम मानते हैं कि नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजंस को लागू नहीं किया जाना चाहिए। हम सीएए का स्वागत करते हैं, लेकिन हमने कभी यह मांग नहीं की थी कि इससे किसी भी धर्म को बाहर रखा जाए। हम यह मानते हैं कि कोई भी ऐसा कानून नहीं होना चाहिए जो लोगों को अपनी उन्हें अपनी पहचान साबित करने के लिए कतारों में खड़ा करे।

दिल्ली के सहयोगियों में भाजपा ने अकाली दल का नाम नहीं लिया
दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी और विधानसभा चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को चुनाव में जदयू के लिए 2 और लोजपा के लिए 1 सीट छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि बाकी बची 10 सीटों के उम्मीदवारों के नाम आज रात तय हो जाएंगे। तिवारी ने कहा- संगम विहार और बुराड़ी सीट से जदयू और सीमापुरी सीट पर लोजपा चुनाव लड़ेगी। हमने तय किया है कि दिल्ली का चुनाव इनके साथ लड़ेंगे।

राजौरी गार्डन वाली सीट हार गया था अकाली दल

2015 में भाजपा ने दिल्ली की 70 सीटों में से 69 पर चुनाव लड़ा था और राजौरी गार्डन वाली सीट शिरोमणि अकाली दल के लिए छोड़ी थी। इस सीट पर अकाली दल को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2017 में राजौरी गार्डन सीट पर हुए उपचुनाव में मनजिंदर सिंह सिरसा ने भाजपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।