भाजपा-शिवसेना में सीटों के बंटवारे की गुत्थी उलझी, अमित शाह ने भी रद्द किया मुंबई दौरा

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे की गुत्थी सुलझती नहीं दिख रही है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीटों के बंटवारे को लेकर जल्द ही घोषणा होने की उम्मीद जताई जा रही थी लेकिन दोनों पार्टियों में आपसी सहमति न बनता देख इस घोषणा को टाल दिया गया. इन सब के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महाराष्ट्र का अपना प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया है. भाजपा की राज्य इकाई के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की कि गृह मंत्री शाह का गुरुवार को होने वाला मुंबई दौरा रद्द कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि इससे दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे की घोषणा में और देरी होगी. भाजपा के एक नेता ने कहा कि उम्मीद की जा रही थी कि शाह गुरुवार को अपनी यात्रा के दौरान सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देंगे और इसकी घोषणा करेंगे. उनकी यात्रा रद्द होने के साथ ही इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि गठबंधन की घोषणा जल्द ही की जाएगी.

बता दें कि शिवसेना नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री दिवाकर राउत के बयान का पार्टी के कद्दावर नेता संजय राउत ने समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि अगर अमित शाह जी और सीएम के सामने 50-50 सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय किया गया था, तो उनका बयान गलत नहीं है. चुनाव साथ लड़ेंगे, क्यों नहीं लड़ेंगे. दरअसल मंत्री दिवाकर राउते ने एक मीडिया से बातचीत में कहा था कि अगर बीजेपी शिवसेना को आधी सीटें नहीं देती है तो गठबंधन टूट सकता है. वहीं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर फंसे पेंच को सुलझाने के लिए जल्द ही दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के बीच बातचीत हो सकती है. उधर, एनडीए के एक और सहयोगी आरपीआई (ए) ने 10 सीटों की मांग कर इस मुद्दे पर मुश्किलें बढ़ा दी हैं. शिवसेना महाराष्ट्र में आसन्न विधानसभा चुनाव में उतनी ही सीट पर लड़ना चाहती है जितनी पर बीजेपी अपने प्रत्याशी उतारेगी. वहीं, बीजेपी  शिवसेना को बराबर संख्या में सीट नहीं देना चाहती है.

बीजेपी के एक नेता ने तर्क दिया था कि 2014 के चुनाव के मुकाबले 2019 के आम चुनाव में पार्टी का मत प्रतिशत बढ़ा है. साथ ही जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 समाप्त किये जाने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ने से (पार्टी को) लाभ मिलेगा. हालांकि, पार्टी सूत्रों ने बताया था कि सीटों के बारे में दोनों दलों के शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत के बाद जल्द रास्ता निकाल लिया जायेगा. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ एनडीए के घटक आरपीआई (ए) के अध्यक्ष रामदास अठावले ने सहयोगी शिवसेना को 120 से 125 सीटों का फार्मूले स्वीकार करने का सुझाव दिया. उन्होंने जोर दिया था कि पिछले विधानसभा चुनाव की तरह कुछ सीटों को लेकर गठबंधन को भेंट नहीं चढ़ाया जाना चाहिए.

अठावले ने कहा था कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में आरपीआई को कम से कम 10 सीटें मिलनी चाहिए और शीघ्र ही सीटों का बंटवारा भी हो जाना चाहिए.  ऐसा अनुरोध मैंने भाजपा के उच्च स्तरीय नेतृत्व से हुई वार्ता में किया है.’ उन्होंने दावा किया था कि यदि शीघ्र सीटों का बंटवारा हो जाएगा तो भाजपा..शिवसेना.. आरपीआई सहित अन्य गठबंधन को 240 सीटें पर विजय मिलना निश्चित है. गौरतलब है कि राज्य में विपक्ष के प्रमुख गठबंधन कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेसी पार्टी ने सीटों के तालमेल को अंतिम रूप दे दिया है. राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने कुछ ही दिन पहले कहा था कि कांग्रेस और राकांपा प्रदेश में 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 38 सीटें छोटी सहयोगी दलों के लिये छोड़ी जायेंगी. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में दोनों दलों के बीच बराबर बराबर सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमति बनी थी.  शिवसेना चाहती है कि भाजपा के साथ इसी फॉर्मूले पर समझौता हो.