नई दिल्ली, 25 अक्टूबर । चीन से सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना सोमवार से शुरू हो रहे चार दिवसीय कमांडरों के सम्मेलन का आयोजन करेगी। इस दौरान सभी सामरिक और मानव संसाधनों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
भारतीय सेना के कमांडरों का सम्मेलन शीर्ष स्तर की दो महीने में एक बार होने वाला कार्यक्रम है, जो कॉलेजियट के माध्यम से महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लेता है। यह 26-29 अक्टूबर के बीच दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।
सम्मेलन में सेना के वरिष्ठ अधिकारी, सेना के उपाध्यक्ष, सभी कमांडर, सेना मुख्यालय के प्रमुख कर्मचारी अधिकारी (पीएसओ) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
एक सूत्र ने कहा, पहले दिन मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मामलों पर चर्चा की जाएगी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह 27 अक्टूबर को सम्मेलन को संबोधित करेंगे लेकिन इससे पहले सम्मेलन को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सभी तीन सेवा प्रमुखों द्वारा संबोधित किया जाएगा।
28 अक्टूबर को, सेना के कमांडर विभिन्न एजेंडे पर चर्चा करेंगे और अंडमान निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ द्वारा एक महत्वपूर्ण अपडेट दिया जाएगा। इसके बाद विभिन्न पीएसओ द्वारा विभिन्न मुद्दों पर संक्षिप्त अपडेट दिया जाएगा।
सम्मेलन के अंतिम दिन, सीमा सड़क महानिदेशक (डीजीबीआर) सीमा सड़क निर्माण संगठन द्वारा किए जा रहे विभिन्न विकास परियोजनाओं पर अपडेट देंगे।
सूत्र के मुताबिक, सेना के विभिन्न स्तरों पर मैनपावर के उपयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
सम्मेलन स्पोर्ट्स ट्रॉफी और फ्लाइट सेफ्टी ट्रॉफी की प्रस्तुति के साथ बंद हो जाएगा। इसके बाद सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे समापन भाषण देंगे।
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