भारत के पानी रोकने का हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा- पाकिस्तान

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भारत ने पाकिस्तान जाने वाले अपने हिस्से के पानी को रोकने का फैसला किया है। भारत के इस निर्णय पर इस्लामाबाद का कहना है कि वह इस फैसले को लेकर चिंतित नहीं है यदि भारत पूर्वी नदियों के पानी को अपनी तरफ मोड़ देता है।

भारत ने गुरुवार को घोषणा की थी कि वह पाकिस्तान जाने वाले अपने हिस्से के पानी को रोक देगा। इससे पहले भारत ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेते हुए उसके आयात पर 200 प्रतिशत की ड्यूटी लगाई थी।

इन कदमों की वजह है 14 फरवरी को हुआ आतंकी हमला। जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।

डॉन न्यूज से बात करते हुए गुरुवार रात को पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय के सचिव ख्वाजा शुमैल ने कहा, ‘हमें न तो कोई चिंता है और न ही कोई आपत्ति अगर भारत पूर्वी नदियों के पानी को मोड़ता है और अपने लोगों को इसकी आपूर्ति करता है या अन्य उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करता है, जैसा कि सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) ऐसा करने की अनुमति देती है।’

शुमैल ने कहा पाकिस्तान आईडब्ल्यूटी के संदर्भ में भारत के निर्णय को चिंताजनक के तौर पर नहीं देखता है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन हम निश्चित तौर पर अपनी चिंता जाहिर करेंगे और मजबूती से आपत्ति दर्ज करेंगे यदि वह पूर्वी नदियों के पानी को मोड़ते हैं, उसपर हमारा अधिकार है।’

सिंधु जल के लिए पाकिस्तान के आयुक्त सैयद मेहर अली शाह के अनुसार, ‘1960 में हुए सिंधु जल समझौते ने भारत को यह अधिकार दिया था कि वह पूर्वी नदियों का पानी इस्तेमाल कर सकता है। यह उसपर निर्भर करता है कि वह ऐसा करता है या नहीं।’

शाह ने डॉन से कहा, ‘चाहे वह पूर्वी नदियों के अपने अप्रयुक्त पानी के हिस्से को मोड़ दे या उसका उपयोग करे हमें उससे कोई दिक्कत नहीं है। वह इसे अभी करना चाहते हैं तो हमें कोई परेशानी नहीं है।

और अगर वे इसका उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो भी हमें कोई समस्या नहीं है।’ जब उनसे पुलवामा आंतकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच जारी तनाव में कोटरी बैराज पर भारतीय विशेषज्ञों (सिंधु जल के भारतीय आयुक्त) की प्रस्तावित यात्रा के बारे में पूछा गया तो आयुक्त ने कहा, ‘देखते हैं इस संबंध में क्या होता है। लेकिन हमें बेहतर की उम्मीद है।’