भारत जल्द बनेगा रक्षा उपकरणों का बड़ा उत्पादक : मोदी (लीड-1)

   

नई दिल्ली, 28 जनवरी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की रैली को संबोधित किया और कहा कि भारत जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीदार बनने के बजाय, रक्षा उपकरणों के बड़े निर्माता के रूप में जाना जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सशस्त्र बलों के युवा विंग में पिछले कुछ वर्षों में गर्ल्स कैडेटों की संख्या में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मोदी ने एनसीसी कैडेट्स को जीवन भर अनुशासन का पालन करने के लिए भी कहा। इस अवसर पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। कार्यक्रम के दौरान एनसीसी प्रतियोगियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ ही मार्च पास्ट भी किया।

करियप्पा ग्राउंड में यहां एनसीसी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, भारत जल्द ही बाजार होने के बजाय रक्षा उपकरणों के एक बड़े निर्माता के रूप में जाना जाएगा।

उन्होंने कहा, आप आत्मनिर्भरता के कई लक्ष्यों को पूरा होते देख रहे हैं। जब आप स्थानीय ब्रांडों के साथ अपने सर्कल में उत्साह देखते हैं, तो यह एक सकारात्मक बदलाव है।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत को फ्रांस से तीन और राफेल जेट मिले हैं।

मोदी ने कहा, कल ही भारत में फ्रांस से तीन और रफाल फाइटर प्लेन आए हैं। भारत के इन फाइटर प्लेन्स में मिड-एयर (बीच आसमान हवा में) में ही री-फ्यूलिंग हुई है और ये री-फ्यूलिंग भारत के मित्र युनाइटेड अरब अमीरात ने की है और इसमें ग्रीस और सउदी अरब ने सहयोग किया है। ये भारत के खाड़ी देशों के साथ मजबूत होते संबंधों की एक तस्वीर भी है।

मोदी ने कहा, चाहे वह वैक्सीन का सुरक्षा जाल हो या भारत को चुनौती देने वाली मिसाइल हों, भारत हर मोर्चे पर सक्षम है।

समाज में एनसीसी की भूमिका पर जोर देते हुए मोदी ने कहा, समाज में अनुशासन लाने के लिए, एनसीसी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अनुशासन जीवन भर रहना चाहिए।

उन्होंने एनसीसी कैडेटों को अपने आसपास के लोगों को समाज में अनुशासन का पालन करने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा, क्योंकि इससे देश और समाज को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि एनसीसी की छवि दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। मोदी ने कहा, एनसीसी ने अपनी जो छवि बनाई है, वो दिनों-दिन और मजबूत होती जा रही है और जब मैं आपके प्रयास देखता हूं, तो मुझे बहुत खुशी मिलती है। आप पर भरोसा और मजबूत होता है। शौर्य और सेवा भाव की भारतीय पंरपरा को जहां बढ़ाया जा रहा है- वहां एनसीसी कैडेट्स नजर आता है। जहां संविधान के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने का अभियान चल रहा हो- वहां भी एनसीसी कैडेट्स दिखते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, बाढ़ हो या दूसरी आपदा, बीते वर्ष एनसीसी के कैडेट्स ने मुश्किल में फंसे देशवासियों की राहत और बचाव में सहायता की है। कोरोना के इस पूरे कालखंड में लाखों-लाख कैडेट्स ने देशभर में जिस प्रकार प्रशासन के साथ मिलकर, समाज के साथ मिलकर जिस तरह काम किया है, वो प्रशंसनीय है। हमारे संविधान में जिन नागरिक कर्तव्यों की बात कही गई है, जिनकी हमसे अपेक्षा की गई है, वो निभाना सभी का दायित्व है।

मोदी ने देश के कई हिस्सों में नक्सलवाद और आतंकवाद जैसे मुद्दों का उदाहरण देते हुए कहा, जैसे आप भी भली-भांति जानते हैं कि हमारे देश में एक समय में नक्सलवाद-माओवाद कितनी बड़ी समस्या थी। देश के सैकड़ों जिले इससे प्रभावित थे। लेकिन स्थानीय नागरिकों का कर्तव्य भाव और हमारे सुरक्षाबलों का शौर्य साथ आया, तो नक्सलवाद की कमर टूटनी शुरू हो गई। अब देश के कुछ गिनती के जिलों में ही नक्सलवाद सिमटकर रह गया है। अब देश में न सिर्फ नक्सली हिंसा बहुत कम हुई है, बल्कि कई युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास के कार्यों से जुड़ने लगे हैं। एक नागरिक के तौर पर अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता देने का प्रभाव हमने इस कोरोना काल में भी देखा है। जब देश के लोग एकजुट हुए, अपना दायित्व निभाया, तो देश कोरोना का अच्छी तरह मुकाबला भी कर पाया।

उन्होंने कहा कि सरकार ने एनसीसी की भूमिका का विस्तार करने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा, पिछले वर्ष 15 अगस्त को ये ऐलान किया गया था कि सीमावर्ती क्षेत्रों और तटीय क्षेत्रों के करीब 175 जिलों में एनसीसी को नया दायित्व दिया जाएगा। इसके लिए लगभग 1 लाख कैडेट्स को सेना, नौ सेना और वायुसेना प्रशिक्षित कर रही हैं। इसमें भी एक तिहाई हमारी लड़की कैडेट्स हैं, जिन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि एनसीसी प्रशिक्षण केंद्र की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। मोदी ने कहा, एनसीसी की ट्रेनिंग क्षमताओं को भी सरकार तेजी से बढ़ा रही है। अब तक आपके पास सिर्फ एक फाइरिंग सिम्यूलेटर होता था। इसे अब बढ़ाकर 98 किया जा रहा है। माइक्रोलाइट फ्लाइट सिम्यूलेटर को भी पांच से बढ़ाकर 44 और रोविंग सिम्यूलेटर को 11 से बढ़ाकर 60 किया जा रहा है। ये आधुनिक सिम्यूलेटर्स, एनएसीसी ट्रेनिंग की क्वालिटी को और सुधारने में मदद करेंगे।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ये आयोजन अभी जिस ग्राउंड पर हो रहा है, उसका नाम फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा जी के नाम पर है। वो भी आपके लिए बड़ी प्रेरणा हैं। करियप्पा जी का जीवन शौर्य की अनेक गाथाओं से भरा हुआ है। 1947 में उनके रणनीतिक कौशल की वजह से भारत को युद्ध में निर्णायक बढ़त मिली थी। आज फील्ड मार्शल के. एम. करियप्पा जी की जयंती है। मैं सभी देशवासियों की तरफ से, आप एनसीसी कैडेट्स की तरफ से उन्हें आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

एनसीसी कैडेट्स को सशस्त्र बलों में शामिल होने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा, आप में से भी अनेक साथियों की ये प्रबल इच्छा होगी कि आप भारत की डिफेंस फोर्सेस का हिस्सा बनें। आप सभी में वो सामथ्र्य भी है और सरकार आपके लिए अवसर भी बढ़ा रही है। विशेष रूप से गर्ल्स कैडेट्स को मैं आग्रह करूंगा कि आपके लिए भी अनेक अवसर आपका इंतजार कर रहे हैं। मैं अपने सामने भी देख पा रहा हूं और आंकड़े भी बताते हैं कि बीते वर्षों में एनसीसी में गर्ल्स कैडेट्स में करीब 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

सन् 1971 में लोंगेवाला की प्रसिद्ध लड़ाई को याद करते हुए मोदी ने कहा, लोंगेवाला पोस्ट का भी अपना एक गौरवमयी इतिहास है। सन् 1971 के युद्ध में लोंगेवाला में हमारे वीर जांबाजों ने निर्णायक विजय प्राप्त की थी। तब पाकिस्तान से युद्ध के दौरान पूर्व और पश्चिम के हजारों किलोमीटर लंबे बॉर्डर पर भारत की फौज ने अपने पराक्रम से दुश्मन को धूल चटा दी थी। उस युद्ध में पाकिस्तान के हजारों सैनिकों ने भारत के जांबाजों के सामने सरेंडर कर दिया था। सन् 71 की ये जंग भारत के मित्र और हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश के निर्माण में भी सहायक बनी। इस वर्ष, इस युद्ध में विजय के भी 50 वर्ष हो रहे हैं। भारत के हम लोग, 1971 की जंग में देश को जिताने वाले भारत के वीर बेटे-बेटियों के साहस और उनके शौर्य को आज पूरा देश सैल्यूट करता है। इस युद्ध में देश के लिए जो शहीद हुए, आज मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित करता हूं।

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