भारतीय रिज़र्व बैंक आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि आरएसएस का संकीर्ण वैश्विक दृष्टिकोण भारत के लिए गतिरोध पैदा कर सकता है।
रघुराम राजन ने कहा कि यह देश हमारे संस्थापकों नेहरू तथा गांधी के विचारों और हमारे संविधान की बुनियाद पर खड़ा है। द वायर के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का संकीर्ण वैश्विक नजरिया, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए समस्या बन सकता है।
Watch #RaghuramRajan's exclusive interview with @gauravchoudhary (via @moneycontrolcom) as he talks about his book #TheThirdPillar & warns about the dangers of rising populist nationalism.
Read more of his critical views on economic progress here: https://t.co/7qxPa05Air
— HarperCollins (@HarperCollinsIN) April 1, 2019
पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, राजन ने कहा कि इसलिए मैं मानता हूं कि आरएसएस के संकीर्ण नजरिए की वजह से यह संगठन बाहर के समुदायों के साथ भारत की विस्तृत भागीदारी को अधिक स्वतंत्रता नहीं देता।
मेरे हिसाब से यह हमारे जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए समस्या खड़ी करने वाला नज़रिया है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि यह आरएसएस का संगठनात्मक उद्देश्य है जिससे वह सहमत नहीं हैं।
राजन ने आगे कहा कि हाालंकि आरएसएस ने भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसी महान शख्सियत को आकार दिया। हर संगठन में अच्छे लोग होते हैं।
आरएसएस में भी अटल बिहारी वाजपेयी जैसे एक बहुत सम्मानीय और प्रशंसनीय शख्स रहे, जो एक अच्छे नेता होने के साथ-साथ अच्छे इंसान भी थे। राजन अपनी पुस्तक “द थर्ड पिलर” को प्रमोट करने के लिए भारत आए है। राजन का कहना है कि यह किताब आरएसएस जैसे राष्ट्रवादी संगठनों के उद्देश्यों के खिलाफ है।
ज्ञात रहे कि आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन एक बार फिर उस समय चर्चा में आए जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि उनकी पार्टी ने रघुराम राजन से सलाह करने के बाद ही न्यूनतम आय गारंटी योजना का खाका पेश किया है।
सितंबर 2013 में भारतीय रिज़र्व बैंक, आरबीआई का गवर्नर पद संभालने से पहले रघुराम राजन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री थे।