भारत ने मुंह के कैंसर के इलाज पर खर्च किए करीब 2,386 करोड़ रुपये

   

नई दिल्ली, 20 जून । भारत ने वर्ष 2020 में मुंह के कैंसर के इलाज पर 2,386 करोड़ रुपये खर्च किए। इससे देश पर अगले दस वर्षों में 23,724 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, कैंसर विश्व स्तर पर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है, जिसमें लगभग 70 प्रतिशत कैंसर के मामले निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होते हैं।

टाटा मेमोरियल सेंटर के निदेशक डॉ. आरए बडवे ने कहा, ग्लोबोकैन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो दशकों में नए मामलों के निदान की दर में आश्चर्यजनक रूप से 68 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे यह एक वास्तविक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन गया है और तो और, लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच कम है, साथ ही इसके बारे में बहुत अधिक जानकारी के अभाव में अधिकतर इस रोग के बारे में रोगियों को तब पता चलता है जब कैंसर बढ़कर अगले चरण में पहुंच जाता है और तब जिसका इलाज करना अक्सर मुश्किल होता है।

उन्होंने बताया कि लगभग 10 प्रतिशत रोगी ऐसे होते हैं, जिनमें यह रोग अगली अवस्थाओं में फैल चुका होता है और ऐसे में वे उपचार के योग्य नहीं बचते ऐसे में केवल उनके लक्षणों के लिए बस जीवित रहने तक जितना संभव हो, देखभाल का परामर्श ही दिया जा सकता है।

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