लखनऊ , 8 दिसम्बर । केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को किसानों ने भारत बंद बुलाया था। उत्तर प्रदेश में मिला-जुला असर देखने को मिला। प्रदेश के शहरों में बाजार खुले रहे। हालांकि, व्यापारियों ने किसानों की मांगों का खुलकर समर्थन किया और कहा कि सरकार को किसानों की बातें सुननी चाहिए। वहीं, यूपी में समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
योगी आदित्यनाथ सरकार के हर जिले में पुलिस को बेहद मुस्तैद रहने के निर्देश का भी बड़ा असर दिख रहा है। राजधानी लखनऊ सहित अन्य जिलों में स्थिति सामान्य है।
समाजवादी पार्टी के साथ ही बसपा व कांग्रेस के भारत बंद को समर्थन देने के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता की हिफाजत का जिम्मा उठाया है। भारत बंद को लेकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित हर जिले में पुलिस हाई अलर्ट पर है। आगरा, प्रयागराज, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद, वाराणसी में भी जिला तथा पुलिस प्रशासन काफी मुस्तैद दिखा।
राजधानी लखनऊ में नवीन दुबग्गा फल व सब्जी मंडी किसान आंदोलन के समर्थन में पूरी तरह बंद रही। मंडी के अंदर पूरी तरह सन्नाटा छाया रहा। बता दें कि दुबग्गा सब्जी मंडी से प्रदेश के छह जिलों में सब्जियां जाती हैं। आढ़तियों का कहना है कि मंडी बंद होने से करीब तीन करोड़ का नुकसान है। हलांकि लखनऊ में हर बाजार नियत समय पर खुल गए हैं, जबकि बस तथा अन्य साधनों का संचालन होता रहा। लखनऊ में किसान मंच के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी को पुलिस ने हिरासत में लिया।
लखनऊ के विधानभवन में समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन, राजपाल कश्यप, आशु मलिक और आनंद भदौरिया ने धरने पर बैठकर किसानों के आंदोलन का समर्थन किया।
वाराणसी से लेकर बलिया तक और सोनभद्र से लेकर आजमगढ़ तक कहीं लोगों ने खुद दुकानें बंद रखीं तो कहीं पर बंद कराई गईं। नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन ने भारत बन्द को समर्थन दिया है। कैंट पर किसान बिल को लेकर यूनियन ने विरोध भी जताया। बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।
कई नेताओं को उनके घरों पर ही नजरबंद कर दिया गया। सपा, कांग्रेस और किसान मजदूर सभा ने धरना-प्रदर्शन करने का प्रयास किया। पुलिस ने उन्हें तत्काल मौके से हिरासत में लेकर थाने में बैठा दिया। वाराणसी में लंका, रोहनिया, सुंदरपुर, साकेत नगर और कचहरी पर पुलिस और सपा कार्यकर्ताओं के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई।
पश्चिमी यूपी में भारतीय किसान यूनियन का गढ़ कहे जाने वाले मुजफ्फरनगर में मंडियों में रोजाना कि तरह ही मंगलवार को भी काम हुआ। यहां सुबह 4 बजे से आढ़ती अपनी गद्दी पर बैठे रहे तो किसान अपना-अपना सामान बेचने को पहुंचे। हालांकि मंडी में जितनी भीड़ होनी चाहिए उतनी भीड़ नहीं थी।
बाराबंकी में हाईवे पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा। लखनऊ जाने वाले सभी मार्गो पर चौकसी बरती गई। किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं ने चिनहट के मल्हौर में ट्रेन रोकी। कार्यकर्ताओं ने एमएलसी राजेश यादव उर्फ राजू के नेतृत्व में प्रदर्शन किया।
इसके अलावा अयोध्या, बाराबंकी, बलरामपुर, मेरठ, बागपत, सहारनपुर व सीतापुर में सपा व कांग्रेस के नेताओं को पुलिस ने नजरबंद किया। इस दौरान प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आया। प्रदेश में कहीं पर भी उपद्रव होने की कोई खबर नहीं है। मेरठ में किसान आंदोलन को समर्थन देने की आड़ में उन्माद फैलाने की आशंका में 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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