भारत माता की जय के नारे का गलत इस्तेमाल हो रहा है- पूर्व PM मनमोहन सिंह

   

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश में राष्ट्रवाद और ‘भारत माता की जय’ के नारे का दुरुपयोग हो रहा है। इस नारे का इस्तेमाल कर भारत के बारे में भावनात्मक और उग्रवाद का विचार पैदा किया जा रहा है। ऐसा करने से देश के नागरिक अलग-अलग हो जाएंगे।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर लिखी गई किताब की लॉन्चिंग के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू को जिस प्रकार से गलत ढंग से पेश किया जा रहा है, उसे एक दिन इतिहास नकार देगा और सभी तथ्यों को सही परिपेक्ष्य में देखा जाएगा।

पुस्तक विमोचन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह दुभार्ग्यपूर्ण है कि लोगों का एक समूह जिसे या तो इतिहास पढने का धैर्य नहीं है अथवा वे पूवार्ग्रह से ग्रसित होने की वजह से पंडित नेहरु को गलत परिपेक्ष्य में दशार्ने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इतिहास में गलत और फर्जी चीजों को नकारने तथा उन्हें सही परिपेक्ष्य में रखने की क्षमता है।

मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि एक दिन पं. नेहरू को लेकर प्रचारित सभी चीजों को सही परिपेक्ष्य में देखा जाएगा।  उन्होंने कहा कि पं. नेहरु ने अस्थिरता के दौर में देश का नेतृत्व किया और उनके नेतृत्व में ही देश ने सामाजिक और राजनीतिक मतभिन्नता को अपना कर लोकतंत्र का रास्ता अपनाया। अपने युग के महान दृष्टा पंडित नेहरु को भारतीय धरोहर पर गर्व था और उसी विरासत से सूत्र लेकर उन्होंने आधुनिक भारत की आधारशिला रखी।

उन्होंने कहा कि दुनिया में जीवंत लोकतंत्र के रुप में भारत को विश्व की एक प्रमुख शक्ति के रुप में देखा जाता है तो इसके लिए पंडित नेहरु को मुख्य वास्तुकार के रुप में देखा जाना चाहिये । पंडित नेहरु न केवल महान नेता थे बल्कि महान इतिहासकार, दार्शनिक और विद्वान थें। सिंह ने कहा कि कई भाषाओं के जानकार पंडित नेहरू ने आधुनिक भारत के अनेक विश्वविद्यालयों, और सांस्कृतिक संस्थानों की आधारशिला रखी।

स्वतंत्रता के बाद देश को जो होना चाहिए वैसा अब तक नहीं हुआ। पुस्तक ‘हू इज भारत माता’ में प्रो पुरुषोत्तम अग्रवाल और प्रो. राधाकृष्ण ने नेहरू को सही परिपेक्ष्य में दिखाने का प्रयास किया है। इस पुस्तक में नेहरू की आत्मकथा सहित उनकी विभिन्न पुस्तकों के अंश, उनके भाषण और साक्षात्कार के अंश संकलित किये गए हैं ।