भारत में रहने वाले मुसलमानों को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने दिया बड़ा बयान!

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केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में नागरिक संशोधन विधेयक रखते हुए कहा है कि जो अल्पसंख्यक लोग हैं भारत में रहते हैं, उनको चिंता करने की जरूरत नहीं है, जो लोग बहका रहे हैं, उनके बहकावे में ना आएं, यह मोदी सरकार है, किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है।

खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, गृहमंत्री ने आगे कहा कि असम के सभी मूल निवासियों को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनडीए की सरकार सभी हितों की चिंता करेगी, क्लोज सिक्स के माध्यम से सबका साथ, सबका विकास के आधार पर यह सरकार चलने वाली है।

गृह मंत्री ने आगे कहा कि राजीव गांधी ने 1985 में असम समझौता किया और राज्य को अनुसूची 6 में शामिल किया गया, ताकि मूल निवासियों की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक पहचान को सुरक्षित किया जा सके।

असम समझौते के तहत एक कमेटी की गठन किया जाना था, लेकिन मोदी सरकार बनने तक कमेटी ही नहीं बनी। 35 साल तक किसी को चिंता ही नहीं थी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्यसभा में बताया कि इस सदन के सामने एक ऐतिहासिक बिल लेकर आया हूं, इस बिल के जो प्रावधान हैं उससे लाखों-करोड़ों लोगों को फायदा होगा।

अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश में जो अल्पसंख्यक रहते थे, उनके अधिकारों की सुरक्षा नहीं होती थी उन्हें वहां पर समानता का अधिकार नहीं मिला था, जो अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत में आए, उन्हें यहां पर सुविधा नहीं मिली।

पाकिस्तान में पहले 20 फीसदी अल्पसंख्यक थे, लेकिन आज 3 फीसदी ही बचे हैं, इस बिल के जरिए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई, पारसी शरणार्थियों को रियातत मिलेगी।