भारत में सीप्लेन सेवाओं का विकास करेगी केंद्र सरकार

   

नई दिल्ली, 16 जून । केंद्र सरकार भारत में नए वाटर एयरोड्रम के विकास और नए समुद्री विमानों के मार्गों के संचालन में तेजी लाकर सीप्लेन सेवाओं (समुद्री विमानन सेवा) का विकास करेगी।

इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एक बयान में इसकी जानकारी दी गई।

बयान में कहा गया है, यह समझौता ज्ञापन भारत सरकार की आरसीएस-उड़ान योजना के तहत भारत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के भीतर सीप्लेन सेवाओं के गैर-अनुसूचित या अनुसूचित संचालन के विकास की परिकल्पना करता है।

समझौता ज्ञापन के अनुसार, विभिन्न स्थानों पर समुद्री विमान सेवाओं के संचालन को समय पर पूरा करने के लिए नागरिक उड्डयन, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग और पर्यटन मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ एक समन्वय समिति का गठन किया जाना है।

बयान में कहा गया है कि नागरिक उड्डयन और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय सभी एजेंसियों द्वारा पहचाने गए या सुझाए गए समुद्री विमानन संचालन मार्गों के संचालन पर विचार करेगा।

बयान के अनुसार, डाक, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय एयरोड्रोम या स्थानों के वाटर फ्रंट इंफ्रास्ट्रक्च र की पहचान और विकास करेगा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के समन्वय में आवश्यक वैधानिक मंजूरी या अनुमोदन प्राप्त करेगा।

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