भारत से रिश्तों में दरार- मलेशिया के प्रधानमंत्री बोले- कुछ भी हो कश्मीर पर पीछे नहीं हटेंगे

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भारतीय कंपनियां मलेशिया से आयात होने वाले पाम ऑयल की खरीदारी को अब बंद करने वाली हैं. भारत अब मलेशिया की जगह इंडोनेशिया से पाम ऑयल के आयात करने की योजना बना रहा है. ये बात तब सामने आई है जब मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए मंगलवार को कहा है कि भारतीय व्यापारियों की मलेशियाई तेल के बहिष्कार की मांग के बावजूद वह कश्मीर मुद्दे पर अपने भारत-विरोधी रुख पर कायम रहेंगे.

वहीँ भारत के इस फैसले से मलेशिया को भारी राजस्व घाटा उठाना पड़ सकता है, क्योंकि भारत मलेशिया के पाम ऑयल का सबसे बड़ा खरीददार देश है. भारत और मलेशिया के बीच कुल 17.2 बिलियन डॉलर का व्यापार है जिसमें से भारत 10.8 बिलियन डॉलर का आयात करता है. इस आयात का एक बड़ा हिस्सा पाम ऑयल के रूप में किया जाता है.

भारत के एक तेल व्यापारी संगठन ने सोमवार को अपने सभी सदस्यों से मलेशियाई पाम तेल की खरीदारी बंद करने के लिए कहा था. बता दें की  मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर भारत की आलोचना की थी, जिसके बाद भारतीय व्यापारियों ने मलेशियाई तेल समेत अन्य उत्पादों की खरीद बंद करने का आह्वान करना शुरू कर दिया.

27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने अपने बयान में कहा था, “संयुक्त राष्ट्र के संकल्प के बावजूद, कश्मीर पर हमला कर कब्जा किया जा रहा है. इस कार्रवाई के पीछे कुछ वजहें हो सकती हैं लेकिन फिर भी ये गलत है. इस समस्या का समाधान शांतिपूर्वक तरीकों से ही होना चाहिए.” महातिर ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, हम अपने मन की बात बोलते हैं और हम इसे पलटते या बदलते नहीं हैं.

महातिर ने मंगलवार को कहा, हम यही कह रहे हैं कि हमें संयुक्त राष्ट्र के संकल्पों को मानना चाहिए, नहीं तो फिर संयुक्त राष्ट्र की क्या उपयोगिता रह जाएगी?

महातिर ने मंगलवार को कहा, हम यही कह रहे हैं कि हमें संयुक्त राष्ट्र के संकल्पों को मानना चाहिए, नहीं तो फिर संयुक्त राष्ट्र की क्या उपयोगिता रह जाएगी?