भारत सौर ऊर्जा के लिए दुनिया के शीर्ष बाजारों में से एक : आईएसए

   

नई दिल्ली, 24 फरवरी । अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अब सौर ऊर्जा के लिए दुनिया के शीर्ष बाजारों में से एक है।

ईज ऑफ डूइंग सोलर 2020 शीर्ष वाली इस रिपोर्ट में उन देशों की पहचान की गई है, जिन्होंने वर्ष 2020 में सौर ऊर्जा के उपयोग की दृष्टि से बेहतर प्रदर्शन किया था।

यह रिपोर्ट वर्ष 2019 में चार सदस्य देशों के लिए किए गए पायलट अध्ययन की एक कड़ी है जो अब 80 देशों को कवर करने के लिए विस्तारित किया गया है।

आईएसए सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अभूतपूर्व प्रयास करने के उद्देश्य से सीओपी-21 के दौरान शुरू की गई फ्रांस और भारत की एक संयुक्त पहल है।

आईएसए का लक्ष्य सौर ऊर्जा के लिए उन देशों में तेजी से और बड़े पैमाने पर तैनाती प्राप्त करने के लिए सौर ऊर्जा के लिए नियमों, मानदंडों और मानकों को निर्धारित करना है, जहां सौर संसाधनों की प्रचुरता तो है, लेकिन जोखिम अभी भी ज्यादा है।

अपने 80 सदस्य देशों के आंकड़ों का उपयोग करते हुए आईएसए ने सौर परियोजनाओं में निवेश और निवेश के लिए दुनिया के सबसे आसान बाजारों का उल्लेख किया है।

अपनी मजबूत क्षमता, महत्वाकांक्षी स्थिरता लक्ष्यों, उच्च सौर विकिरण और बिजली के मजबूत बुनियादी ढांचे के कारण भारत ब्राजील, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के साथ एक प्रमुख देश के रूप में उभरा है।

रिपोर्ट में रवांडा, श्रीलंका, नाइजीरिया, अर्जेंटीना, मिस्र और 24 अन्य ऐसे देशों का जिक्र किया गया है जहां सौर निवेश के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं।

बांग्लादेश, इथियोपिया, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक और कई अन्य देशों को प्रगतिशील देश के रूप में सूचीबद्ध किया गया है जो एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के प्रारंभिक चरणों में हैं।

रिपोर्ट में सदस्य देशों के बीच नीति और विनियमन में सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया है। यह अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण संस्थानों के लिए भी विशेष महत्व का है, क्योंकि डेटा उन देशों का खुलासा करता है जिनके पास निवेशकों के अनुकूल बाजारों द्वारा समर्थित पारदर्शी और बुनियादी ढांचे वाली प्रणाली है।

विश्व स्तर पर आईएसए का उद्देश्य वित्तीय लागत कम करने और प्रौद्योगिकी की लागत को कम करने और सौर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश जुटाने के लिए संयुक्त प्रयास करना है।

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