भिवंडी बिल्डिंग हादसा: मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हुई

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महाराष्ट्र (Maharashtra) के भिवंडी (Bhiwandi) में एक तीन मंजिला इमारत के ढहने (building collapse) के हादसे (accident) में बारह और लोगों के शव (Dead body) बरामद होने के बाद मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 25 हो गई. पुलिस (Police) ने बताया कि इमारत के गिरने के बाद पिछले 24 घंटे में ढाई वर्ष के बच्चे और एक दम्पत्ति (Couple) का शव भी बरामद हुआ है. पुलिस ने बताया कि पांच और लोगों के मलबे (debris) से जिंदा निकाले जाने के बाद हादसे में बचाए गए लोगों की संख्या भी 25 हो गई है. इन लोगों को भिवंडी और ठाणे (Thane) के अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि मृतकों (deads) में नौ बच्चे भी शामिल हैं.

अधिकारी ने बताया कि 43 वर्ष पुरानी ‘जिलानी बिल्डंग’ (Jilani Building) सोमवार तड़के तीन बजकर 40 मिनट पर ढह गई (collapsed) थी. इमारत में 40 फ्लैट थे और करीब 150 लोग यहां रहते थे. भिवंडी, ठाणे (Thane) से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है. उन्होंने बताया कि इमारत (Building) गिरने के मामले में नगर निकाय (Civic bodies) के दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है और इमारत के मालिक (Builders owner) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

बृहन्मुंबई नगर निगम ने मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया
धमनकर नाका के पास नारपोली में पटेल कम्पाउंड स्थित इमारत जिस समय ढही, उस समय उसमें रहने वाले लोग सो रहे थे. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और ठाणे आपदा मोचन बल (टीडीआरएफ) के कर्मी मौके पर मौजूद हैं और खोज अभियान जारी है. उन्होंने कहा कि यह इमारत भिवंडी-निजामपुर नगर निगम की जीर्ण-शीर्ण इमारतों की सूची में शामिल नहीं थी.
भिवंडी के पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे ने बताया कि इमारत गिरने के बाद नगर निकाय के अधिकारियों की शिकायत पर इमारत के मालिक सैयद अहमद जिलानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-337,338, 304 (2) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. ठाणे के प्रभारी मंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि बृहन्मुंबई नगर निगम ने मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया है. एक जांच समिति का गठन किया गया है, जिसमें दो सहायक नगर योजनाकार (टाउन प्लैनर) शामिल हैं.

नगर निकाय अधिकारी ने बताया कि इमारत के लोगों को कथित अनियमितताओं के लिए 2019 और इस साल फरवरी में नोटिस भेजे थे लेकिन किराया कम होने की वजह से लोगों ने घर खाली नहीं किए.