मजदूरों के पलायन पर बोले राहुल गांधी, भूखे-प्यासे लोगों को खाना-पानी दें

   

कोरोना वयारस के चलते हुए 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों के आगे रहने और खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है। इसके चलते मजदूर अपने परिवारों के साथ दिल्ली और अन्य राज्यों से गृह राज्य लौट रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा है कि आज हमारे सैकड़ों भाई-बहनों को भूखे-प्यासे परिवार सहित अपने गांवों की ओर पैदल जाना पड़ रहा है। इस कठिन रास्ते पर आप में से जो भी उन्हें खाना-पानी-आसरा-सहारा दे सके, कृपा करके दे!  कांग्रेस कार्यकर्ताओं-नेताओं से मदद की ख़ास अपील करता हूं। जय हिंद! आपको बता दें कि देशभर में कोरोना के 800 से ज्यादा मामले सामने आ चुके है और 19 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो चुकी है।

गृह सचिव ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर उनसे प्रवासी मजदूरों, उद्योगों में काम करने वाले मजदूर और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए खाने-पीने और रहने का इंतजाम करने को कहा है। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को राज्य सरकारों से कहा कि लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान वे प्रवासी कृषि मजदूरों, उद्योगों में लगे कामगारों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का उनके कार्यस्थल से घरों की ओर हो रहे बड़े पैमाने पर पलायन को रोकें। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए परामर्श मे गृह मंत्रालय ने कहा कि वे छात्रावासों और कामकाजी महिला छात्रावासों में आवश्यक वस्तुओं की अबाध आपूर्ति सुनिश्चित करें ताकि ऐसे लोग जहां हैं, वहीं बने रहें।

राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पलायन रोके : 
मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया है कि वे प्रवासी कृषि मजदूरों, उद्योगों में लगे कामगारों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बड़े पैमाने पर हो रहे पलायन को रोकें ताकि कोरोना वायरस से संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। साथ कहा कि राज्य और केंद्र शासित वंचित तबके को सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी भी दें। उन्हें बताएं कि सरकार राशन की दुकानों पर नि:शुल्क गेहूं,चावल और दाल उपलब्ध करा रही है। यह ऐसे लोगों के पलायन को रोकने में मदद करेगा।

गृह मंत्रालय ने परामर्श में कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सुनिश्चित करें कि सभी होटल, किराये के मकान और छात्रावास आदि संचालित होते रहे। कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगार पैदल ही अपने घर जा रहे हैं।