मतलब की राजनीति करती है शिवसेना, बीजेपी की आलोचना के बावज़ूद किया गठबंधन!

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिव सेना के बीच राजनीतिक रिश्तों में काफी समय से चली आ रही खटास का सोमवार को पटाक्षेप हो गया। दोनों दलों ने आम चुनाव और राज्य विधानसभा के चुनाव मिलकर लडऩे का एलान किया।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फण्नवीस ने दोनों दलों के बीच गठबंधन की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य की 48 संसदीय सीटों में आम चुनाव में भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रकाश जावड़ेकर के अलावा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी और दोनों दलों के अन्य प्रमुख नेता भी मौजूद थे। आम चुनाव के कुछ समय बाद राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं जिसमें दोनों दल आधी-आधी सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला जनभावना का आदर करते हुए लिया गया है। राज्य विधानसभा का पिछला चुनाव दोनों दलों ने अलग.अलग लड़ा था बाद में भाजपा की अगुवाई में बनी सरकार में शिव सेना शामिल हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘ठाकरे ने अनुरोध किया है कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण किया जाये और भाजपा उनके इस रुख का पूर्ण समर्थन करती है।’’ मुखअयमंत्री ने 2019 के आम चुनाव में फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) की सरकार बनने का भरोसा जताया है।

पंजाब केसरी पर छपी खबर के अनुसार, ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में दोनों दलों के बीच हुए सभी महत्वपूर्ण निर्णयों का खुलासा किया और कहा, ‘‘मैं इस पर और अधिक कहने की जरूरत नहीं समझता।’’

उन्होंने आगे अपनी बात रखने से पहले गुरुवार को पुलवामा में हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर आत्मघाती आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता शिवसेना और भाजपा को पिछले तीन दशक से आजमा रही है। इन दौरान 25 साल हम साथ रहे और पिछले पांच साल के दौरान भ्रम रहा लेकिन जैसा मुख्यमंत्री ने कहा है उन्होंने समय-समय पर सरकार को दिशा-निर्देश मुहैया कराये हैं।