मधुबनी लोकसभा सीट: दो कद्दावर मुस्लिम नेताओं के बीच में मुस्लिम वोटर्स!

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बिहार के मधुबनी सीट पर महागठबंधन दरकता नजर आ रहा है। वीआइपी के कोटे की इस सीट से महागठबंधन के दो मजबूत धड़े राजद और कांग्रेस के दो बड़े मुस्लिम चेहरे अलग-अलग सिंबलों पर लड़ेंगे।

कांग्रेस के डाॅ शकील अहमद ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया है। वहीं, राजद के मो अशरफ अली फातमी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वह 18 अप्रैल को नामांकन करेंगे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ शकील अहमद ने मंगलवार को मधुबनी सीट से नामांकन का पर्चा भरा। उनकी पार्टी कांग्रेस ने इसे गंभीरता से लिया है. पार्टी के आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि कांग्रेस नाम वापसी तक इंतजार करेगी। यदि डाॅ शकील ने अपना नाम वापस नहीं लिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

इधर, मधुबनी के इस्लामिया मदरसा में आयोजित सभा में डॉ शकील अहमद ने कहा, दो सेटों में नामांकन का पर्चा भरा हूं। एक कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में, दूसरा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में।18 अप्रैल तक पार्टी के आदेश का इंतजार करूंगा।

कांग्रेस से सिंबल मिलने पर पार्टी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ूंगा। अगर ऐसा नहीं होने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ूंगा। उन्होंने कहा कि मधुबनी लोकसभा क्षेत्र की जनता मेरे साथ है। जनता के आदेश पर ही चुनाव मैदान में हूं।

अपने को कांग्रेसी मानते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेसी था, हूं और रहूंगा। कांग्रेस के बड़े नेता मेरे साथ हैं। डॉ शकील ने उम्मीद जतायी कि कांग्रेस भी समय रहते उन्हें सिंबल देगी। उनकी सभा में कांग्रेस विधायक भावना झा, पूर्व जिप अध्यक्ष सतीश चंद्र मिश्र भी मौजूद थे।

प्रभात खबर पर छपी खबर के अनुसार, टिकट बंटवारे से नाराज राजद के नेता मो अली अशरफ फातमी ने मंगलवार को पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। बसपा सूत्रों के मुताबिक फातमी मधुबनी से उनके दल की टिकट पर उम्मीदवार होंगे। फातमी बुधवार को इसकी औपचारिक घोषणा करेंगे।

1991 में पहली बार दरभंगा से सांसद बने फातमी अलीगढ़ मुस्लिम विवि के छात्र नेता भी रहे हैं। वह 1989 में विदेश की नौकरी छोड़कर राजद में शामिल हुए।

मंगलवार को पत्रकारों से फातमी ने कहा, राजद मधुबनी के टिकट पर पुनर्विचार करे, अन्यथा महागठबंधन के साथ-साथ पार्टी का परिणाम बुरा हो सकता है।

उन्हें मधुबनी से पार्टी का टिकट नहीं मिला तो वह 18 अप्रैल के बाद पार्टी भी छोड़ देंगे। खुद को पार्टी के मिथिलांचल का चेहरा बताने हुए उन्होंने कहा कि वह अल्पसंख्यकों का चेहरा हैं।

फातमी ने कहा कि मधुबनी से पार्टी के टिकट पर पूर्व सांसद शकील अहमद चुनाव लड़ते हैं, तो उनका वह समर्थन करेंगे। अगर शकील अहमद निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे, तो वह भी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से गहरा रिश्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने में एड़ी-चोटी एक कर दिया।

राजद का वफादार सिपाही हूं। अवार्ड मिलना चाहिए था, बदले में दंड मिला है। वह दुख का दिन होगा, जिस दिन पार्टी से अलग हो जाऊंगा। फातमी ने कहा कि तेजस्वी यादव स्पष्ट बोल चुके हैं कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिला है, वे चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं। राजद उनका न तो विरोध करेगा और न ही समर्थन। अन्य राज्यों और जिलाें की तरह फ्रेंडली चुनाव लड़ सकते हैं।

मो अली अशरफ फातमी के बेटे मेराज फातमी केवटी से राजद विधायक हैं। फेराज फातमी ने कहा कि वह राजद के साथ खड़े हैं। पार्टी से अलग होने का फैसला पिता का है।