मध्य प्रदेश: चित्रकूट में जुड़वां भाइयों की हत्या, बजरंग दल नेता के भाई सहित 6 लोग गिरफ्तार

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मध्य प्रदेश में सतना जिले के चित्रकूट से 12 दिन पहले स्कूल बस से अपहृत किए गए छह वर्षीय जुड़वां भाइयों की हत्या कर दी गई है. पुलिस के अनुसार दोनों बच्चों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में यमुना नदी से मिले हैं. पुलिस ने इस मामले में अभी तक इंजीनियरिंग के दो छात्रों के सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए 2 इंजीनियरिंग छात्रों में से एक इंजीनियरिंग छात्र बजरंग दल के क्षेत्रीय नेता का भाई है. रीवा के पुलिस महानिरीक्षक चंचल शेखर एवं सतना पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह गौर ने चित्रकूट में संवाददाताओं को बताया कि जुड़वां भाइयों के शव उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के बबेरू गांव के पास यमुना नदी में शनिवार देर रात पानी में तैरते मिले. आरोपियों ने 21 फरवरी को इनकी हत्या कर दी थी. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उन्हें आरोपियों ने लोहे की जंजीरों से बांध कर यमुना नदी के उगासी घाट में फेंका था.

उन्होंने कहा कि दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए बांदा अस्पताल भेज दिया गया है. शेखर ने बताया कि इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें इस घटना का मास्टरमाइंड पदम शुक्ला (22), राजू द्विवेदी, लकी सिंह तोमर, रोहित द्विवेदी (24), रामकेश यादव (26) एवं पिन्टू ऊर्फ पिंटा यादव (23) को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी पदम शुक्ला चित्रकूट निवासी है और उसका छोटा भाई विष्णु कांत शुक्ला बजरंग दल का क्षेत्रीय संयोजक है. गिरफ्तार किये गये बाकी पांचों आरोपी उत्तरप्रदेश के बांदा एवं हमीरपुर जिलों के रहने वाले हैं.  इस सब के बीचे सवाल उठता है कि आखिर पुलिस ने हत्या में तो बजरंग दल नेता के भाई के शामिल होने की बात तो फौरन साबित कर दी लेकिन आरोपियों ने बच्चों को अपहरण के दो दिन बाद तक एमपी में रखा लेकिन इसकी पता पुलिस के 500 अफसरों की टीम भी नहीं लगा सकी.

उन्होंने बताया कि पदम एवं लकी आईटी से बी.ई. कर रहे हैं, जबकि रामकेश मारे गये दोनों बच्चों को ट्यूश्न पढ़ाता था. पुलिस ने बताया कि अपहर्ताओं ने दोनों भाइयों प्रियांश और श्रेयांश के तेल कारोबारी पिता बृजेश रावत से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. पिता ने पुलिस को बताए बिना 20 फरवरी को 20 लाख रुपये अपहर्ताओं को दे भी दिए थे. ये दोनों बच्चे उत्तरप्रदेश के कर्वी जिले के रामघाट के रहने वाले थे और वहां से रोजाना बार्डर पार कर मध्यप्रदेश के चित्रकूट में चार किलोमीटर दूर बस से स्कूल आया जाया करते थे. धार्मिक नगरी चित्रकूट के प्रसिद्ध सदगुरु पब्लिक स्कूल में यू.के.जी में पढ़ने वाले इन दोनों भाइयों का अपहरण मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने 12 फरवरी को उस वक्त स्कूल परिसर से ही कर लिया था, जब वे स्कूल की छुट्टी होने के बाद अपने घर वापस आने के लिए अन्य बच्चों के साथ स्कूल बस में बैठे हुए थे.

इस बीच बच्चों के शव मिलने के बाद आक्रोशित लोगों ने सतना जिले के चित्रकूट में प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जिसके बाद वहां अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. शेखर ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 17.67 लाख रूपये नकद, घटना में प्रयुक्त किया गया कट्टा, 3 मोटरसाइकिल एवं एक बोलेरो जब्त किया है. उन्होंने कहा कि जब्त की गई बोलेरो में भाजपा का झंडा लगा हुआ था, जबकि एक मोटरसाइकिल में ‘राम राज्य’ लिखा हुआ था. शेखर ने कहा कि अपहरण करने के बाद शुरुआत में बच्चों को चित्रकूट में एक-दो दिन रखा गया और बाद में उन्हें बांदा जिले में विभिन्न स्थानों पर जगह बदल-बदल कर रखा गया था.

19 फरवरी को अपहरणकर्ताओं ने बच्चों के परिजन से उनकी बात भी कराई थी। शेखर ने बताया कि 13 फरवरी एवं इसके बाद कई बार आरोपियों ने अपहृत बचों के पिता बृजेश के फोन पर 2 करोड़ रूपये की फिरौती की मांग की. फिरौती की मांग ये आरोपी राह चलते हुए लोगों से मोबाइल मांग कर किया करते थे, इसलिए पकड़े नहीं जाते थे.