मध्‍य प्रदेश विधानसभा में कल फ्लोर टेस्‍ट कराने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मध्‍य प्रदेश विधानसभा में कल यानि शुक्रवार को फ्लोर टेस्‍ट कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, फ्लोर टेस्‍ट कानून के मुताबिक हाथ उठाकर कराया जाएगा और कल 5 बजे तक पूरा हो जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा यदि बागी विधायक विधानसभा आना चाहते हैं तो दोनों कर्नाटक डीजीपी और मध्‍य प्रदेश के डीजीपी उन्‍हें पर्याप्‍त सुरक्षा प्रदान करें.

न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता की पीठ ने कहा कि फ्लोर टेस्‍ट की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक संकट से जूझ रही कमलनाथ सरकार का कल भविष्‍य तय हो जाएगा.

पीठ ने कहा कि संवैधानिक सिद्धांत यही है कि अध्यक्ष के समक्ष इस्तीफे या अयोग्यता का मामला लंबित होना सदन में शक्ति परीक्षण के लिए मतदान में बाधक नहीं है. पीठ ने कहा कि इसलिए न्यायालय को ही यह देखना होगा कि क्या राज्यपाल ने उन्हें अधिकारों के दायरे से बाहर जाकर कार्यवाही की है.

इस मामले में सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि अगर विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा हो और सरकार बहुमत खो दे तो विधानसभा का सत्र आहूत करने का अध्यक्ष को निर्देश देने का अधिकार राज्यपाल को है.

सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एन पी प्रजापति को कांग्रेस के बागी विधायकों से वीडियो लिंक के माध्यम से बातचीत करनी चाहिए या फिर विधायकों को बंधक बनाये जाने की आशंका को दूर करने के लिए शीर्ष अदालत पर्यवेक्षक नियुक्त कर सकती है, लेकिन अध्यक्ष ने शीर्ष अदालत के इस सुझाव को अस्वीकार कर दिया.