मप्र में कांग्रेस की किसानों के बीच पैठ बनाने के लिए शुरू होगा कॉल सेंटर

   

भोपाल, 31 मार्च । मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने किसानों के बीच पैठ बनने की कोशिशें तेज कर दी हैं, इसी क्रम में एक अप्रैल से किसान कॉल सेंटर की पार्टी शुरुआत करने जा रही है। इस कॉल सेंटर के जरिए किसानों की समस्याओं को जाना जाएगा और उनके निराकरण के लिए पार्टी सड़कों पर संघर्ष तक करेगी।

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक तरफ जहां देश के अनेक हिस्सों में आंदोलन-प्रदर्शन का दौर जारी है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस राज्य में किसानों के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है। कांग्रेस इसके लिए एक अप्रैल से किसान कॉल सेंटर शुरू कर रही है। इस कॉल सेंटर में प्रतिदिन सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक फोन नंबर 0755-4248166 पर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिये उनकी शिकायतें दर्ज की जाएंगी।

किसान नेता और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केदार सिरोही ने आईएएनएस को बताया है कि, किसानों की तमाम समस्याओं के निराकरण के मकसद और उनके लिए संघर्ष करने के मकसद से पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ यह कॉल सेंटर शुरू कर रहे हैं।

सिरोही ने बताया है कि, किसानों को उनकी उपज का दाम नहीं मिला, बीज की समस्या से जूझते हैं, बिजली विभाग द्वारा परेशान किया जाता है, बैंकों द्वारा मनमानी की जाती है, जमीन का नामांतरण नहीं हो पाता, सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलता। किसानों की सभी तरह की समस्याएं इस कॉल सेंटर में दर्ज की जाएंगी। वास्तव में यह किसानों का सहायता केंद्र हेागा। यह ऐसा केंद्र होगा जहां किसानों की हर समस्या के समाधान की कोशिश की जाएगी।

राजनीतिक के जानकारों की मानें तो, राज्य में कांग्रेस की कोशिश है कि सबसे बड़े वर्ग किसानों के बीच अपनी सियासी जमीन मजबूत की जाए, इसके लिए जरूरी है कि किसानों की समस्याओं के निदान के प्रयास हों, किसानों को लगे कि कांग्रेस उनके लिए लड़ने को तैयार है। एक तरफ शिवराज सिंह चौहान हैं जिनकी छवि सरकार और भाजपा किसान हितैषी की बना रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस भी अपने को किसानों का हमदर्द बताने में लगी है। कांग्रेस के शासन काल में किसानांे के कर्ज माफी के प्रयास हुए थे और अब कांग्रेस किसानों को यह बताना चाहती है कि वह किसानों के साथ है।

आगामी समय में राज्य में नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव होने वाले हैं, इसे ध्यान में रखकर कांग्रेस रणनीति बना रही है और उसी पर काम कर रही है। किसान कॉल सेंटर को भी उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

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