मप्र में कांग्रेस सरकार ने भोजन से लेकर कफन तक छीना-भाजपा

   

ग्वालियर 10 सितंबर । मध्य प्रदेश में विधानसभा के उप-चुनाव के लिए भाजपा ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। इसी क्रम में भाजपा नेताओं ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर हमले बोले गए और कहा कि कांग्रेस की सरकार ने गरीबों से भोजन से लेकर कफन तक को छीन लिया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को दिमनी, पोरसा व मेहगांव में जनसभाओं में कहा कि, कांग्रेस की सरकार ने हर वर्ग को धोखा दिया। कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही गरीबों के लिए चलाई जा रही योजनाएं बंद कर दी। संबल योजना बंद कर दी। तीर्थदर्शन योजना बंद कर दी। शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज देना बंद कर दिया। प्रसूता बहनों से उनके लड्डू छीन लिए, गरीबों से उनका कफन तक छीन लिया। कांग्रेस की सरकार ने गरीबों से उनका हक छीन लिया। ये चुनाव उस कांग्रेस को सबक सिखाने का है और आप सब सबक सिखाने का संकल्प लें।

मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन का सवा साल बहुत मुश्किल से गुजरा। कमलनाथ और दिग्विजयसिंह की जोड़ी ने प्रदेश को भ्रष्टाचार में डुबा दिया और उसे लूटने का काम किया। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के जनप्रतिनिधि जब भी जनता की मांगों को लेकर कमलनाथ के पास पहुंचते थे, तो उन्हें भगा दिया जाता था। जनता के लिए उनके पास समय नहीं था। लेकिन अगर कोई ठेकेदार आ जाए, तो कहते थे आने दो, आने दो। कमलनाथ बोरानाथ हो गए थे।

केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर हमला बोला और कहा कि, कांग्रेस ने 15 माह में प्रदेश का बंटाधार कर दिया। कांग्रेस ने सदैव बदले की राजनीति की और भाजपा ने बदलाव की राजनीति की है।

सांसद सिंधिया ने कहा कि, प्रदेश में एक सरकार बनी थी, जिससे लोगों को उम्मीद थी कि वह विकास की बयार लेकर आयेगी। लेकिन 15 महीनों में उस सरकार ने आपको विकास, सम्मान और आपके हक के बदले में केवल भ्रष्टाचार दिया, चंबल क्षेत्र और प्रदेश की अनदेखी की। उन 15 महीनों में वल्लभभवन में सिर्फ धंधा चल रहा था। प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग चल रहा था। बड़े भाई और छोटे भाई की जोड़ी ने शराब माफिया, रेत माफिया को बढ़ावा दिया। वो ये मानते थे कि कांग्रेस में भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार है। उनको विकास की, प्रगति की चिंता नहीं थी। उन्हें तो सिर्फ अपने कारोबार की चिंता थी।

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