मशहूर लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता सादिया देहलवी का निधन

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दिल्ली की मशहूर लेखिका, इतिहासकार और सामाजिक कार्यकर्ता सादिया देहलवी का लंबे समय तक कैंसर से लड़ने के बाद निधन हो गया। वह 63 साल की थीं। सादिया को हाल ही में दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था। बुधवार को सादिया की उनके घर पर ही मौत हो गई।

प्रख्यात इतिहासकार एस. इरफान हबीब ने ट्वीट किया, “दिल्ली की जानी-मानी सांस्कृतिक शख्सियत, प्रिय मित्र और अद्भुत इंसान सदिया देहलवी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ।”

शाही ‘शमा’ परिवार से ताल्लुक रखने वाली सादिया ने महिलाओं की उर्दू पत्रिका बानो का संपादन किया था। उनके दादा, हाफिज यूसुफ देहलवी ने 1938 में बनी एक प्रतिष्ठित उर्दू फिल्म शमा और साहित्यिक मासिक पत्रिका की शुरुआत की थी।

सादिया खाने की शौकीन थीं और उन्होंने 2017 में दिल्ली के व्यंजनों के इतिहास पर एक किताब लिखी, जिसका शीर्षक था “जैस्मीन एंड जिन्स”: यादें और व्यंजनों की मेरी दिल्ली” है।

बहुमुखी प्रतिभाओं की धनी महिला सादिया ने “अम्मा एंड फैमिली” (1995) सहित डॉक्यूमेंट्री और टेलीविजन कार्यक्रमों का भी निर्माण और पटकथा लेखन किया, जिसमें जोहरा सहगल भी शामिल थीं, जो एक अनुभवी अभिनेत्री थीं।

सादिया दिवंगत लेखक खुशवंत सिंह की करीबी दोस्त और विश्वासपात्र थीं। खुशवंत सिंह ने अपनी किताब “नॉट ए नाइस मैन टू नो” को उन्हें समर्पित किया था। उन्होंने लिखा, “सदिया देहलवी, जिन्होंने मुझे जितना प्यार दिया उससे कहीं अधिक स्नेह और ख्याति मुझे दी।”

खुशवंत सिंह की किताब “मेन एंड वीमेन इन माइ लाइफ” में सादिया की फोटो है और किताब में उनके लिए समर्पित एक अध्याय है।

सादिया ने खुशवंत सिंह के साथ विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं के साक्षात्कार के साथ टेलीविजन शो “नॉट ए नाइस मैन टू नो” का निर्माण किया था। वह अपने बेटे अरमान अली देहलवी के साथ रहती थीं।