महाराष्ट्र के एनजीओ ने अनिच्छुक आदिवासियों के बीच फैलाई टीका जागरूकता

   

नागपुर (महाराष्ट्र), 16 मई । आदिवासियों के बीच कोविड-19 के टीके लगवाने के प्रति भारी प्रतिरोध से चिंतित गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) और महाराष्ट्र में प्रमुख हस्तियों के एक समूह ने जीवन रक्षक टीकों के प्रति वनवासियों के बीच जागरूकता अभियान शुरू किया है।

वसंतराव नायक शेती स्वावलंबन मिशन (वीएनएसएसएम) के अध्यक्ष किशोर तिवारी ने कहा कि विदर्भ क्षेत्र के कई जिलों में रह रही एक खास आदिवासी आबादी के बीच राज्य में चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में गलतफहमी और भ्रांतियां हैं।

तिवारी ने आईएएनएस को बताया, अन्य क्षेत्रों की तरह, आदिवासी लोग जंगली विचार ही पालते हैं, उन्हें लगता है कि टीकाकरण से दुष्प्रभाव, छोटी या लंबी अवधि की बाधाएं या यहां तक कि मौत भी हो सकती है, और वे टीकाकरण कार्यक्रम से दूरी बनाए हुए हैं। कई क्षेत्रों में वे अभियान के तहत नाम दर्ज करने आए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का पीछा कर उन्हें खदेड़ा देते हैं।

तिवारी सामाजिक कार्यकर्ताओं और गैर-सरकारी संगठनों में शामिल होकर छोटे समूहों को आदिवासी बस्तियों में ले जा रहे हैं, उन्हें टीके की खुराक के लाभ समझा रहे हैं। उन्हें बता रहे हैं कि यह कोविड -19 और अन्य पहलुओं से उन्हें कैसे बचा सकती है, ताकि उन्हें अभियान के तहत पंजीकरण कराने के लिए मना सकें।

उन्होंने कहा कि विदर्भ क्षेत्र के गढ़चिरौली में लगभग 40 प्रतिशत आदिवासी, यवतमाल में 24 प्रतिशत और चंद्रपुर में 20 प्रतिशत हैं और अधिकांश लोग टीकाकरण अभियान से दूर हैं, जिस कारण स्थानीय और राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों के बीच खतरे की घंटी बज रही है।

टीम के सदस्यों में प्रसिद्ध 82 वर्षीय सिख खुसरू पोचा, बाबा करनैल सिंह खेरा, सामाजिक कार्यकर्ता सलीम खेतानी, फिल्म निर्माता और ग्रैंड मराठा फाउंडेशन के प्रमुख रोहित शेलतकर, पुणे का अदार पूनावाला फाउंडेशन शामिल हैं। टीम को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राज्य के मंत्री एकनाथ शिंदे और विधायक संजय राठौड़ के अलावा वीएनएसएसएम किसान स्वयंसेवकों की मदद मिल रही है।

पोचा ने कहा, पिछले साल, लॉकडाउन के दौरान हमने आधार उद्धवचा नामक एक परियोजना के तहत क्षेत्र के आदिवासियों को 20,000 से अधिक खाद्य किट वितरित किए, जो उनके लिए बहुत मददगार साबित हुए। इस साल, हम इसी तरह के खाद्य किट वितरित कर रहे हैं, लेकिन अब उनसे अनुरोध कर रहे हैं टीकाकरण में शामिल होने के लिए।

वहीं, शेलतकर ने कहा कि क्षेत्र में हजारों छोटे आदिवासी आवास हैं, जिनमें रह रहे लोग खतरों की अनदेखी करते हैं, क्योंकि वे अपने नियमित कामों में जाते हैं। इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कोविड-19 संक्रमण की रिपोर्ट आई है।

तिवारी ने कहा, हम पूर्ण स्वास्थ्य जांच करेंगे, 30,000 फूडकिट वितरित करेंगे, उन्हें थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर देंगे, उन्हें शारीरिक दूरी, स्वच्छता, हाथ धोना, फेसमास्क पहनना आदि का महत्व बताएंगे।

वहीं, शेलतकर ने कहा कि विदर्भ क्षेत्र के मुख्य आदिवासी जिलों को कवर करने के बाद, टीम जल्द ही इसी तरह की पहल के साथ नंदुरबार (70 प्रतिशत) और पालघर (40 प्रतिशत) जैसे बड़ी आदिवासी आबादी वाले दो अन्य जिलों पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बना रही है।

मंत्री शिंदे के एक सहयोगी ने कहा कि यदि आवश्यक हो, तो समूह नामचीन लोगों को शामिल कर सकता है और कम आदिवासी आबादी वाले अन्य जिलों की यात्रा कर सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य के सभी नागरिकों को जल्द से जल्द टीकाकरण से कवर किया जा सके, जैसा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कई बार कहा है।

खैरा बाबाजी, जिन्होंने अपने छोटे से लंगर पर लाखों प्रवासियों को खाना खिलाया है, ने कहा कि इसके अलावा, सोशल मीडिया ग्रुप, स्थानीय मराठी टीवी चैनलों, समाचारपत्रों, बैनरों, पोस्टरों और व्यक्तिगत संपर्को पर भी टीकाकरण के महत्व का संदेश देने के लिए अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि यवतमाल में एनएच-7 पर करंजी के पास, महामारी शुरू होने के बाद से नॉन-स्टॉप काम कर रहा है।

नंदुरबार में बिलाडी जिला परिषद प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य सचिन पाटकी एक डॉक्टर, पुलिसकर्मी, भगवान शिव, भगवान वासुदेव (ऋषि नारदमुनि) के फैंसी कपड़े पहनकर अनोखे तरीके से स्थानीय लोगों के बीच एक अभियान चला रहे हैं, जो गांवों में गाते और नाचते हैं और सफल होते हैं। ये कई अनिच्छुक आदिवासियों को टीकाकरण के लिए मनाते हैं। (आईएएनएस रिपोर्ट-5 मई)।

महाराष्ट्र में इस समय देश का सबसे अधिक 53,44,063, अधिकतम 80,512 मौतें हैं, लेकिन टीकाकरण में भी शीर्ष पर है, 1,99,12,924 लोगों ने अब तक सभी श्रेणियों में पहले या दूसरे जैब्स के साथ टीकाकरण किया है।

–आईएएनएस

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