महाराष्ट्र में असली चाणक्य कौन ? ट्विटर पर छिड़ी बहस

,

   

महाराष्ट्र के हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामे के बीच चाणक्य चर्चाओं में आ गए हैं। ट्विटर पर चर्चा जोरों पर है कि महाराष्ट्र के एपिसोड में चाणक्य कौन बनकर उभरा। मुख्यमंत्री पद से देवेंद्र फड़णवीस और उप मुख्यमंत्री पद से अजित पवार के इस्तीफे के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से चाणक्य का खिताब छिन गया है। अब कहा जाने लगा है कि असली चाणक्य तो एनसीपी प्रमुख शरद पवार हैं। एक चर्चा यह भी छिड़ गई है कि आज की सतही राजनीति में चाणक्य को क्यों घसीटा जा रहा है। चाणक्य जैसा चरित्र तो आज के नेताओं में दूर-दूर तक नहीं दिखाई देता है।

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने मध्यरात्रि की साजिश के जरिये महाराष्ट्र में सरकार खरीदने के शाह-मोदी के प्रयास विफल हो गई है। शाह की चाणक्य कुशलता धरी रह गई। भाजपा का जहाज अब बड़े हिमखंड से टकरा चुका है। इसका डूबना निश्चित है। भूषण ने हमले को और तीखा करते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा कि अगर जरा भी नैतिकता बची है तो आरएसएस से जुड़े भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र के राज्यपाल, रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति, नरेंद्र मोदी और अमित शाह को अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजप की चाल को मास्टरस्ट्रोक और चाणक्य नीति बताने वाले मीडिया में अगर नैतिकता बची है तो उसे भी इस्तीफा दे देना चाहिए।

मुंबई कांग्रेस नार्थ डिस्ट्रिक्ट के ट्विटर हैंडल से व्यंग्यात्मक पोस्ट फोटो के साथ डाला गया। इसमें तस्वीर में शरद पवार देवेंद्र फड़णवीस से कह रहे हैं, ‘भतीजे को मैंने ही भेजा था, तेरी सीएम बनने की खुजली चैक करने के लिए।’ एक यूजर ने चाणक्य का चित्र लगाकर ट्वीट किया, ‘चाणक्यजी, माफ कर दो, आपको आज के भारत ने इस निम्न स्तर में गिरा दिया।’

वरिष्ठ पत्रकार राहुल कंवल ने ट्वीट किया, ‘इस संकट के बाद सिर्फ एक व्यक्ति चाणक्य बनकर उभरा है, वह शरद पवार हैं। बहुत से लोग सोच रहे थे कि अब उनकी राजनीतिक पारी पूरी होने वाली है। लेकिन उन्होंने खुद को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में स्थापित कर लिया है। यही नहीं, वह विपक्ष को एकजुट करने वाले कद्दावर नेता बनकर उभरे हैं।’

माय फेलो इंडियंस नाम के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया गया, गुजरात, यूपी, हिमाचल, असम में सरकारों को जनादेश मिला। जबकि हरियाणा में चौटाला को खरीदा, कर्नाटक में विधायकों को खरीदा और नॉर्थ ईस्ट में भी विधायकों को खरीदा। 2014 के बाद के चुनावों पर 75,000 करोड़ खर्च करने के बाद चाणक्य को क्या मिला, 150 डेमो में मारे गए। सीबीआइ, ईडी, पुलिस, राज्यपालों और पेड मीडिया का इस्तेमाल किया गया। इस ट्वीट में मार्च 2018 और नवंबर 2019 का भारत का नक्शा भी लगाया गया। 2018 में देश के अधिकांश राज्य भगवा रंग में दिखाए गए जबकि नवंबर 2019 में भगवा रंग सिमट गया।

प्रवीन वाकचौरे के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट दिखा, पहले दिन अजित पवार ने भाजपा से हाथ मिलाया और डिप्टी सीएम बन गए। दूसरे दिन भाजपा ने अजित पवार के खिलाफ सिंचाई घोटाले के आरोप हटा दिए। तीसरे दिन अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया। महाराष्ट्र के राजनीतिक ड्रामे में असली चाणक्य कौन बना।