महाराष्ट्र में भारत बंद को मिली अच्छी प्रतिक्रिया (लीड-1)

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मुंबई, 8 दिसंबर । किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए और विपक्षी दलों द्वारा समर्थित भारत बंद को मंगलवार को महाराष्ट्र में अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसका ज्यादा असर ग्रामीण और अर्ध-ग्रामीण इलाकों में देखने को मिला। आयोजकों और अधिकारियों ने कहा कि कहीं से भी हिंसा की कोई खबर नहीं आई है।

शिवसेना नेता किशोर तिवारी, शिवसेना मंत्री अब्दुल सत्तार, एसएसएस नेता राजू शेट्टी, राकांपा नेता जयंत पाटिल, कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट, अखिल भारतीय किसान सभा के नेता अशोक धवाले और अजीत नवाले के अलावा सीपीआई-सीपीएम नेताओं ने बंद को सफल करार दिया।

हालांकि, राज्य भर के एपीएमसी में सुबह कोई लेन देन नहीं हुआ। लेकिन शहरों और कस्बों में दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला, क्यों खुदरा संगठनों ने खुद को बंद से दूर रखा था।

ठाणे, पालघर, रत्नागिरि, रायगढ़, सिंधुदुर्ग के कोंकण जिलों के कई शहरों के अलावा, मराठवाड़ा, उत्तर और पश्चिमी महाराष्ट्र और विदर्भ क्षेत्र ने बंद में भाग लिया, हालांकि आवश्यक सेवाएं सामान्य रूप से काम कर रही थीं।

मुंबई, नागपुर, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, और कोल्हापुर जैसे प्रमुख शहरों में, सुबह के पीक-ऑवर में ट्रैफिक गतिविधि काफी हद तक सामान्य थी, हालांकि किसान संगठन स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) ने घोषणा की थी कि वह बाद में सड़क और रेल अवरोध स्थापित करेगा।

ठाणे, पालघर, सोलापुर, पुणे, औरंगाबाद, नासिक और कुछ अन्य जिलों में समर्थकों द्वारा सड़क अवरोधक स्थापित किए गए थे, जिन्हें बाद में पुलिस और सुरक्षा बलों ने हटा दिया।

हालांकि, राज्य भर में थोक बाजारों के अधिकांश हिस्से बंद रहे, खुदरा सब्जी बाजार और स्थानीय विक्रेताओं को कुछ शहरों में सुबह के समय अपना व्यापार करते हुए देखा गया।

अधिकांश सार्वजनिक बस सेवाओं, टैक्सियों, ऑटो-रिक्शा, एग्रीगेटर कैब, आवश्यक सामान ले जाने वाले कुछ भारी वाहनों का संचालन समान्य रूप से हुआ।

कांग्रेस के मंत्री विजय वडेट्टीवार ने मांग करते हुए कहा, भाजपा को अपने अहंकार को छोड़ना चाहिए और तुरंत 3 कृषि कानूनों को रद्द करना चाहिए। इसे देश के किसानों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है।

वहीं शिवसेना के मंत्री दादा भूसे ने कहा कि भाजपा को पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इन कृषि कानूनों को लागू करने से पहले किसान संगठनों से परामर्श करना चाहिए था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने मुंबई, नागपुर, पुणे और अन्य शहरों में दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए प्रदर्शन किया।

–आईएएनएस

आरएचए/एएनएम