महाराष्ट्र सरकार का फैसला, 17 हजार कैदी जेल से छोड़े जाएंगे

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मुंबई की आर्थर रोड जेल में भी कोरोना से दस्तक दे दी है और जेल के डेढ़ सौ से अधिक कैदियों को कोरोना संक्रमण का शिकार होना पड़ा है. जेल के कैदियों में संक्रमण फैलता देख महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जेल के 17000 कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का फैसला लिया है. यह फैसला लेने से पहले महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग ने एक्सपर्ट को लेकर कमेटी बनाई और सामूहिक निर्णय लिया.

 

एक्सपर्ट कमिटी में जस्टिस ए ए सय्यद को प्रमुख बनाया गया. इसके अलावा गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी संजय चाहंडे, जेल के डीजी ऐस.एन.पाण्डेय शामिल है. इस कमेटी ने 17000 कैदियों को पैरोल पर छोड़ने का फैसला लेकर गृह विभाग को बताया गया. यह तय किया गया की, उन कैदियों को नही छोड़ा जाएगा, जिन पर गंभीर चार्ज हो या जो मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट, महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स (एमपीआईडी) अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत जो कैदी बंद हैं उन कैदियों को नही छोड़ा जाएगा.

 

राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया की महाराष्ट्र में कुल 35,239 कैदी है, जिसमे 17 हजार कैदी को हमने पैरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया है. आर्थर रोड जेल में 185 कैदी को कोरोना हुआ और दूसरे कैदी को कोरोना न हो इसका ध्यान दे रहे है. अंडर ट्रायल 5 हजार कैदी जिन्हें 7 साल की सजा हुई है. ऐसे 3 हजार, जिन्हें 7 साल से ज्यादा की सजा हुई है ऐसे 9 हजार कैदी को पैरोल पर छोड़ने का निर्णय लिया है.