महाराष्ट्र सरकार ने लॉन्च किया महाजॉब पोर्टल, मूल निवासी प्रमाणपत्र अनिवार्य

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वैश्विक महामारी कोरोना से सर्वाधिक संक्रमित महाराष्ट्र में उद्योग ठप पड़े हैं। इस बीच सोमवार को राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए महाजॉब पोर्टल लॉन्च किया है। लेकिन इसमें एक शर्त जोड़ दी गई है कि महाराष्ट्र में नौकरी चाहिए तो डोमिसाइल सर्टिफिकेट (अधिवास प्रमाण पत्र) देना होगा। राज्य सरकार की इस नई शर्त से सूबे की राजनीति गरमा सकती है क्योंकि ठाकरे सरकार ने एक तरह से मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की नीतियों का ही समर्थन किया है।

महाराष्ट्र में अब तक सरकारी नौकरियों के लिए 15 साल का अधिवास प्रमाण पत्र अनिवार्य किया गया है। लेकिन प्राइवेट कंपनियों में अधिवास प्रमाण पत्र को लेकर पहली बार सख्ती की जा रही है। इस पोर्टल के लांचिंग अवसर पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह पोर्टल समय की जरूरत है। इसके जरिए पारदर्शी तरीके से स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाना चाहिए। महाराष्ट्र कोरोना संक्रमण के भीषण संकट से जूझ रहा है। प्रवासी मजदूर भी पलायन कर चुके हैं। उद्योग ठप पड़े हैं। इसके मद्देनजर राज्य सरकार प्रवासियों के रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना चाहती है। महाजॉब पोर्टल खोलने का मकसद भी यही है। इस जॉब पोर्टल के जरिए यह जानकारी उपलब्ध होगी कि किस कंपनी में कितने पद रिक्त है और कितने मजदूरों की जरूरत है।
भूमिपुत्रों के लिए बेरोजगारी दूर करने का मौका: सुभाष देसाई
राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि भूमिपुत्रों को इस मौके का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। इसलिए अभ्यर्थियों के लिए डोमिसाइल अनिवार्य किया गया है। राज्य में अब तक 50 हजार रोजगार उपलब्ध होने की जानकारी मिली है। इस पोर्टल के जरिए नौकरी मांगन वाले और और नौकरी देने वाले दोनो के साथ समन्वय साधने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल, महाज़ॉब पोर्टल में 17 विभिन्न सेक्टर की कंपनियों का चयन किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से स्थानीय लोगों की बेरोजगारी दूर की जा सकेगी।

पटरी पर आ रही है कारोबारी गतिविधियां, कर्मचारियों की न हो छंटनी: ठाकरे
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोरोना संकट के चलते कर्मचारियों की छंटनी पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे कारोबारी गतिविधियां पटरी पर आ रही हैं। ऐसे में कर्मचारियों की छंटनी सही नहीं है। मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि जो लोग लॉकडाउन के चलते अपने राज्य में वापस लौट गए थे, वे भी धीरे-धीरे लौट रहे हैं। आज हमारे पास नौकरियां उपलब्ध है लेकिन मजदूर नहीं हैं। कर्मचारियों की छंटनी के मुदेदे पर उद्योगपतियों से चर्चा करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार उनकी कठिनाईयों को हल करने की कोशिश कर रही है।

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