मालदीव ने पीएम मोदी को दिया सर्वोच्‍च सम्‍मान ”रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’ से नवाज़ा

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नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर शनिवार को मालदीव पहुंचे. उनकी यह यात्रा भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति को दी जा रही महत्ता को दर्शाती है. मोदी का माले हवाईअड्डे पर विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने स्वागत किया. प्रधानमंत्री के रिपब्लिक स्क्वेयर पर आगमन पर राष्ट्रपति सोलेह और मोदी ने एक-दूसरे का अभिवादन किया. वहां पहुंचने पर मोदी का आधिकारिक स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. इसके बाद पीएम मोदी को मालदीव द्वारा अपने सर्वोच्च सम्मान ”रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन” से सम्मानित किया गया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने टि्वटर पर कहा कि चिरकालीन दोस्ती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी मालदीव की राजधानी माले पहुंचे जहां विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. प्रधानमंत्री पिछली बार यहां नवंबर 2018 में राष्ट्रपति (इब्राहिम मोहम्मद) सोलेह के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे. हालांकि, मोदी राष्ट्रपति इब्राहिम सोलेह के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नवंबर में मालदीव आए थे लेकिन यह यात्रा आठ वर्षों में द्विपक्षीय स्तर पर किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है. इस दो दिवसीय यात्रा का मकसद हिंद महासागर द्वीपसमूह के साथ संबंधों को और मजबूती प्रदान करना है.

प्रधानमंत्री को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
प्रधानमंत्री के रिपब्लिक स्क्वेयर पर आगमन पर राष्ट्रपति सोलेह और मोदी ने एक-दूसरे का अभिवादन किया. वहां पहुंचने पर मोदी का आधिकारिक स्वागत किया गया. प्रधानमंत्री को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. विदेश मंत्री शाहिद ने ट्वीट किया कि मोदी की पहली विदेश यात्रा पर वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करना बड़े सम्मान की बात रही. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि यह यादगार यात्रा होगी जिससे मालदीव-भारत संबंध नयी ऊंचाई हासिल करेंगे.

”रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन” से नवाजे गए मोदी
प्रधानमंत्री मोदी को मालदीव द्वारा अपने सर्वोच्च सम्मान ”रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन” से सम्मानित किया गया. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि मालदीव की उनकी यात्रा भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति को दी जा रही महत्ता को दर्शाती है. मोदी ने कहा कि भारत, मालदीव को अहम साझेदार मानता है जिसके साथ उसके प्रगाढ़ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मालदीव की संसद मजलिस को संबोधित करेंगे जो पड़ोसी देश में भारत की महत्वपूर्ण स्थिति को दर्शाता है. उनके उच्च स्तर पर संबंधों को मजबूत करने के लिए मालदीव के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात करने की संभावना है.