मिस्र से 6090 टन प्याज़ आयात करेगा भारत, बढ़ते दाम में आ सकती है नरमी

   

मिस्र से जल्द ही 6,090 टन प्याज की खेप आने वाली है, जिसके बाद देश में प्याज के दाम में नरमी आ सकती है। यह जानकारी सोमवार (25 नवंबर) को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से दी गई। मंत्रालय ने बयान में बताया कि विदेश व्यापार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने मिस्र से 6,090 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया है और प्याज की यह खेप जल्द ही आने वाली है।

बयान में कहा गया है कि प्याज की यह खेप जल्द ही मुंबई के नावा शेवा बंदरगाह पर आ जाएगी जहां से राज्य सरकारें अपनी मांग के अनुरूप प्याज खरीद सकती हैं। मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, छह राज्यों की ओर से प्याज की मांग अब तक आ चुकी है, जिनमें आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल और सिक्किम शामिल हैं।

आयातित प्याज का बिक्री मूल्य मुंबई में 52-55 रुपये प्रति किलो होगा जबकि दिल्ली से प्याज खरीदने वालों को 60 रुपये प्रति किलो की दर से मूल्य का भुगतान करना होगा। उपभोक्ता मामले विभाग में सचिव अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य सरकारों से उनकी मांगों के बारे पूछा। उन्होंने इस संबंध में 23 नवंबर को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भी लिखा था।

मंत्रालय ने बयान में कहा कि जरूरत पड़ने पर राज्यों को नैफेड परिवहन की सुविधा मुहैया करवाएगी। आयातित प्याज की सप्लाई दिसंबर के आरंभ से शुरू हो जाएगी। मंत्रालय ने बताया कि दिल्ली में प्रदेश सरकार की ओर से अब तक कोई मांग नहीं की गई है। उधर, नैफेड ने बताया है कि वह अपने आउटलेट के साथ-साथ मदर डेयरी, केंद्रीय भंडार और एनसीसीएफ के माध्यम से प्याज मुहैया करवाएगी। विभिन्न राज्यों की ओर से अब तक पहले सप्ताह के लिए 2,265 टन प्याज की मांग की गई है।

गौरतलब है कि प्याज के बढ़ते दाम को काबू में रखने के लिए सरकार द्वारा 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने के फैसले को पिछले सप्ताह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। मानसून सीजन के आखिर में हुई भारी बारिश के कारण प्याज की फसल को नुकसान होने से देश में प्याज के दाम में भारी इजाफा होने के बाद सरकार ने प्याज का आयात करने का फैसला लिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने इसी महीने देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाकर इसकी कीमतों को काबू में रखने के मकसद से एक लाख टन प्याज का आयात करने की घोषणा की थी।