मीडिया रिपोर्ट में खुलासा- कश्मीर में पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेता पुलिस के रडार पर

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जम्मू-कश्मीर पुलिस घाटी में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी नजर रखे हुए है। घाटी की स्थिति के बारे में जानकारी देने वाले सोशल मीडिया अकाउंटस, अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनल्स और एजंसियों के अकाउंट्स को ट्रैक किया जा रहा है। यहां तक कि सोशल एक्टिविस्ट, पत्रकारों और राजनेताओं के सोशल मीडिया अकाउंट्स की भी कड़ी निगरानी की जा रही है। इसका खुलासा हाल ही में जम्मू कश्मीर पुलिस के ऑफिसियल अकाउंट से किए गए मेल में अटैच एक दस्तावेज के जरिये हुआ है। इसको लेकर माना जा रहा है कि यह दस्तावेज गलती से भेजा गया था।

जानकारी के अनुसार मेल के जरिये मिले इस दस्तावेज में कई स्क्रीनशॉट्स हैं, जिनमें से एक स्क्रीनशॉट पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का भी है। इसके अलावा पाकिस्तानी पत्रकारों सहित भारत और पाकिस्तान के कई एक्टिविस्ट के भी स्क्रीनशॉट्स इस दस्तावेज में पाये गए हैं। सात पन्नों के इस दस्तावेज में सभी ट्वीट व समाचार रिपोर्ट्स पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद घाटी में पैदा हुए हालातों के बारे वर्णन कर रही हैं।

दस्तावेज में क्या-क्या ट्वीट
दस्तावेज में जारी किए गए एक ट्वीट में कहा गया है कि कर्फ्यू अब 28वें दिन में प्रवेश कर गया है। कश्मीर पांच अगस्त से दुनिया से कट गया है। दवा और खाद्य सामग्री सहित महत्वपूर्ण आपूर्ति की कमी चल रही है। दुकानें स्कूल और व्यवसाय बंद हैं। 4500 से अधिक को गिरफ्तार किया गया है। जबकि उनमें से एक स्क्रीनशॉट जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद के ट्वीट का है। एक अन्य ट्वीट रेडियो पाकिस्तान का है, जिसमें लिखा है कि आखिरी होली और आखिरी सैनिक तक कश्मीर के लिए लड़ेंगे, पाकिस्तानी सेना।

सोशल मीडिया के दुरुपयोग के बारे में जताई चिंता
जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों ने इससे पहले भी कई अवसरों पर कहा है कि वह बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया के दुरुपयोग के बारे में चिंतिंत हैं। इस बीच यह भी जानकारी है कि प्रशासन द्वारा पिछले तीन महीनों से इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने के पीछे भी सोशल मीडिया का दुरुपयोग एक बड़ा कारण है। उन्हें यह अंदेशा था कि शरारती तत्व इसका इस्तेमाल कर हालातों को भड़का सकते हैं। इसलिए उन्होंने ऐतिहातन तौर यह कदम उठाया था।