मुंबई में कोरोना के 998 नए पॉजिटिव केस सामने आए , 25 लोगों की मौत

,

   

कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आज 998 पॉजिटिव केस की पहचान हुई है। साथ ही साथ आज इस महामारी से 25 लोगों की जान भी चली गई। मुंबई में कुल मामलों की संख्या 16579 हो गई है। साथ ही मरने वालों की संख्या 621 तक पहुंच गई है।

इसके अलावा आज 443 लोगों को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी भी मिली है। अभी तक कुल 4234 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। वहीं, महाराष्ट्र की बात करें तो कोरोना पॉजिटिव केस की संख्या 27524 तक पहुंच गई है। आज सबसे ज्यादा 1602 नए मामले सामने आए हैं। वहीं राज्य में अभी तक 1019 लोगों की मौत हो गई है।

आपको बता दें कि मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी धारावी में कोरोना वायरस संक्रमण के 45 दिनों से भी कम समय में 1,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इस महामारी से अब तक यहां 40 लोगों की मौत हो चुकी है। धारावी में कोविड-19 से जुड़े ये आंकड़े यहां इस महामारी के फैलने की रफ्तार की ओर इशारा करते हैं। बुधवार को संक्रमण के 66 नए मामले सामने के साथ धारावी में कुल मामले बढ़ कर 1,028 हो गए।

धारावी के डॉ. बलीगा नगर में एक अप्रैल को कोविड-19 संक्रमण के प्रथम मामले की पुष्टि हुई थी और यह महानगर प्रशासन के लिए खतरे की घंटी के समान थी। हालांकि, शुरूआती पखवाड़े में धारावी में संक्रमण के प्रसार की दर कुछ धीमी रही और संक्रमण के लगभग 100 मामले ही सामने आए थे। लेकिन तीन मई तक यह आंकड़ा 500 की संख्या को पार कर गया।

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के छह मई तक के आंकड़ों के मुताबिक धारावी में संक्रमण के दोगुनी होने की अवधि छह दिन है और यहां के ज्यादातर कोविड-19 मरीज 31 से 40 वर्ष आयु वर्ग समूह के हैं। धारावी की आबादी करीब 6.5 लाख है। यहां का जनसंख्या घनत्व 2,27,136 है।  बीएमसी सूत्रों के मुताबिक नगर निकाय 213 निरूद्ध क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं और दवाइयों की आपूर्ति कर रहा है।

महाराष्ट्र में सर्वाधिक मौतें: कोरोना से मरने वालों में 1019 लोग अकेले महाराष्ट्र से हैं। दूसरे नंबर पर गुजरात है जहां अब तक 566 मौतें हो चुकी हैं जिनमें से 29 मौतें पिछले चौबीस घंटों के दौरान हुई हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 232, पश्चिम बंगाल में 207, राजस्थान में 121 और दिल्ली में 106 मौतें हुई हैं। इस प्रकार इन छह राज्यों में अकेले 2207 मौतें हुई हैं जो कुल मौतों का करीब 88 फीसदी है।