मुसलमानों को पता है, कांग्रेस ने उनका नुकसान किया लेकिन देश को बचाने के लिए उसे वोट किया!

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देश में मुसलमानों के सबसे बड़े सामाजिक संगठन जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आज भाजपा पर संविधान के साथ—साथ मुस्लिमों के शरई अधिकारों को भी नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस मुस्लिम कौम की दुश्मन जरूर है लेकिन उसने हमारे संविधान को क्षति नहीं पहुंचायी है।

पंजाब केसरी पर छपी खबर के मुताबिक, मौलाना मदनी ने जमीयत के जिला प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए मौजूदा सियासी हालात का जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस ने मुसलमानों को बहुत नुकसान पहुंचाया है लेकिन उससे हमारे संविधान को कोई खतरा नहीं है। हमें फिरकापरस्त ताकतों से ज्यादा खतरा है। साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ जो भी खड़ा होगा, हम उसके साथ हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बेहिसाब नुकसान पहुंचाया है। उसने संविधान के साथ—साथ हमारे शरई अधिकारों पर भी चोट की है। कांग्रेस मुसलमानों की दुश्मन जरूर है लेकिन उसने हमारे संविधान को क्षति नहीं पहुंचायी है।

मौलाना मदनी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बना सपा—बसपा का गठबंधन ठीक है। धर्मनिरपेक्ष ताकतों का गठबंधन होना चाहिये। हम हमेशा से ऐसी ताकतों के हिमायती रहे हैं।उन्होंने आह्वान किया कि हिंदुस्तान के हर जिम्मेदार नागरिक का यह दायित्व है कि अगले लोकसभा चुनाव में ऐसी विघटनकारी ताकतों को सत्ता से बेदखल कर दे।

मौलाना मदनी ने मदरसों को आतंकवाद का अड्डा बताए जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मदारिस पर जो हमले हो रहे हैं वे नाकाबिल—ए—बर्दाश्त हैं। मुसलमानों को चाहिये कि वे अपने चरित्र से इस बात को साबित करें कि मदरसे अपने विद्यार्थियों को चरित्रवान बनाने के केन्द्र हैं।

उन्होंने कहा कि मदरसों पर हमले रोकने का बेहतरीन इलाज यह है कि सरकारी अधिकारियों और समाज के अन्य वर्गों के लोगों को समय—समय पर मदरसों में बुलाया जाए, ताकि वे भी आकर देखें कि मदरसों में किस तरह की शिक्षा दी जा रही है।

मौलाना मदनी ने कहा कि मुल्क की आजादी से लेकर उसे सजाने संवारने तक में मदरसों का बहुत बड़ा योगदान है और उन्हें आतंकवाद का अड्डा बताया जाना उनकी तौहीन है।

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा था कि देश के मदरसे आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। लिहाजा प्राइमरी स्तर तक के सभी मदरसों को बंद कर दिया जाए।