मुस्लिम देशों से क्या डर गया है ईरान?

   

क्या नेतेन्याहू डर गये हैं? क्या अंतर है ईरान और अरब देशों में ? बता रहे हैं अरब जगत के प्रसिद्ध पत्रकार अब्दुलबारी अतवान। इस्राईली प्रधानमंत्री नेतेन्याहू की यह बिल्कुल आदत नहीं है कि वह अपने दुश्मनों को सलाह दें और जब से फिलिस्तीन की भूमि पर इस अवैध शासन का अस्तित्व हुआ है।

इस सरकार के नेताओं ने अपने दुश्मनों के साथ हमेशा ताक़त की ज़बान का इस्तेमाल किया है और हमेशा अपनी सैनिक शक्ति का प्रदर्शन किया है इसी लिए जब इस्राईली प्रधानमंत्री नेतेन्याहू ने ईरान को, सीरिया से निकलने की सलाह दी तो वास्तव में उन्होंने इस्राईल की पुरानी परंपरा तोड़ी और क्षेत्र में शक्ति के एसे समीकरण का संकेत दिया जो किसी भी रूप में इस्राईल के हित में नहीं है।

ईरान को सीरिया से निकलने की सलाह देने के बाद इस्राईली प्रधानमंत्री ने ” ईरानी ठिकानों ” पर हमले की धमकी भी दी है लेकिन हमें तो नहीं लगता कि ईरानी, नेतेन्याहू की इस सलाह को मानेंगे और सीरिया से निकल जाएंगे क्योंकि वह नेतेन्याहू या उनके अमरीकी मित्रों से अनुमति लेकर तो सीरिया गये नहीं थे इस लिए नेतेन्याहू की यह सलाह हक़ीक़त में इस्राईल और उनकी कमज़ोरी और मजबूरी को ही दर्शाती है।

नेतेन्याहू पहले यह कह चुके हैं कि गत सात वर्षों के दौरान इस्राईल ने सीरिया में ” ईरानी ठिकानों ” सैंकड़ों हमले किये हैं लेकिन यह तो स्पष्ट है कि इस्राईल के इन हवाई हमलों से ईरानी डरे नहीं और न ही वह सीरिया से निकलने पर तैयार हुए तो सवाल यह है कि नेतेन्याहू इस से ज़्यादा और क्या कर सकते हैं?

साभार- ‘parstoday.com’