मुस्लिम धर्मगुरू ने किया मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत !

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केंद्र की मोदी सरकार ने मदरसों में शिक्षा को लेकर बड़ा फैसला किया है. इस फैसले के मुताबिक मदरसों को अब मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज इसकी जानकारी दी. केंद्र सरकार के इस फैसले का मुस्लिम धर्मगुरू उमर इलियसी ने स्वागत किया है.

 

उन्होंने कहा, ”मुस्लिमों में शिक्षा की कमी है. पिछली सरकारों ने हमें सिर्फ वोट के लिए इस्तेमाल किया और ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने मुस्लिमों की शिक्षा के लिए कुछ नहीं किया. मैं सरकार और अल्पसंख्यक मंत्री को धन्यवाद देता हूं. प्रधानमंत्री ने जो नारा दिया है ‘सबका साथ, सबका विश्वास’ इसने मुस्लिमों में भरोसा बढ़ाया है.”

 

उमर इलियसी ने कहा, ”यह धर्म के आधार पर लड़ने का वक्त नहीं है लेकिन लसभी को लोगों के विकास के लिए काम करना चाहिए. मुस्लिमों में जागरुकता की कमी है. मदरसा शिक्षकों की ट्रेनिंग से देश के विकास में मदद मिलेगी.” उन्होंने कहा कि हमारे समुदाय की लड़कियां गरीबी के कारण अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पा रही थीं और अब वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकेंगी. मैं मुसलमानों से अपील करता हूं कि जो लाथ उन्हें मिलने चाहिए उसके बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं है. इसलिए उन्हें अपनी भागीदारी को जितना संभव हो उतना बढ़ाना चाहिए.

 

क्या है केंद्र सरकार का फैसला?
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि देशभर में बड़ी संख्या में मौजूद मदरसों को औपचारिक और मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा, जिससे मदरसों के बच्चे भी समाज के विकास में योगदान दे सकें. जानकारी के मुताबिक इस योजना की शुरुआत अगले माह से हो जाएगी.

 

इस योजना की शुरुआत अगले माह से हो जाएगी. मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन की 112 वीं संचालन परिषद एवं 65 वीं महासभा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि में मिलनी चाहिए.