मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आपात बैठक: क्या लिया गया फैसला?

,

   

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मामले में गठित मध्यस्थता कमेटी में पक्ष रखने के लिए अपना रुख तय कर लिया है। हालांकि इसका खुलासा नहीं किया। बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्यों और सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद के अधिवक्ताओं की रविवार को नदवा कॉलेज में हुई आपात बैठक में करीब पांच घंटे तक मंथन हुआ।

अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, बोर्ड 27 व 29 मार्च को मध्यस्थता कमेटी की होने वाली बैठक में अपना पक्ष रखेगा। बैठक से मीडिया को पूरी तरह से दूर रखा गया। वहीं बैठक से बाहर आए सदस्यों ने भी चुप्पी साधे रखी।

कयास लगाए जा रहे हैं कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या मामले में अपने पुराने निर्णय पर कायम रह सकता है। बोर्ड का मानना रहा है कि विवादित जमीन मस्जिद की है जिस पर कोई दूसरी इमारत नही बनाई जा सकती।

बोर्ड हमेशा से यह कहता रहा है कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ही मानेगा। भरोसेमंद सूत्रों का भी कहना है कि बोर्ड अपने पुराने रुख पर कायम रह सकता है। बोर्ड की बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी 12 मार्च को हुई बैठक में भी ऐसे संकेत मिले थे।

बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपाध्यक्ष मौलाना जलालुद्दीन उमरी, महासचिव मौलाना वली रहमानी, प्रवक्ता मौलाना खलीलुर्रहमन सज्जाद नोमानी, सचिव एडवोकेट जफरयाब जीलानी, मौलाना खालिद सैफुल्लाह, कार्यकारिणी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, डॉ. कासिम रसूल इलियास, मौलाना अतीक बस्तवी, मौलाना अशहद रशीदी, कमाल फारूकी, काका सईद उमरी, मौलाना फखरुद्दीन अशरफ, मौलाना शाहिद सहारनपुरी, महिला विंग से डॉ. असमा जेहरा, निगहत परवीन, प्रो. मोनीसा बुशरा आब्दी, आमिना रिजवान, सबीहा सिद्दीकी के अलावा सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद के वकील यूसुफ मचाला, एसआर शमशाद के साथ अन्य अधिवक्ता भी शामिल हुए।