अयोध्या मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्षकारों ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है।
Lucknow: AIMIM chief Asaduddin Owaisi and others arrive for the All India Muslim Personal Law Board (AIMPLB) meeting, over the Supreme Court verdict in Ayodhya case. pic.twitter.com/09D21TsNad
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 17, 2019
खास खबर पर छपी खबर के अनुसार, यह फैसला लखनऊ स्थित इस्लामिक शिक्षण केंद्र नदवा कॉलेज में आयोजित बैठक में लिया गया। खबरों के अनुसार, इस बैठक में मुस्लिम पक्ष के कई अहम लोग शामिल हुए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने पर सहमति जताई। बैठक के दौरान पक्षकारों से वकालतनामे पर हस्ताक्षर भी करवाया गया।
#Breaking | Sunni Waqf Board UP chief Zafar Ahmad Farooqui & several other Masjid petitioners decide not to attend the meeting called by All India Muslim Personal Law Board to discuss future course in Ayodhya dispute.
TIMES NOW’s Amir Haque with details. Listen in. pic.twitter.com/1IsreF8wo6
— TIMES NOW (@TimesNow) November 17, 2019
हालांकि, इस बैठक में इकबाल अंसारी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के लोग शामिल नहीं हुए। बैठक में सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी शामिल हुए।
अयोध्या मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आज बैठक होने जा रही है। बैठक में ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड आगे की रणनीति यर करेगा।
इससे पहले 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या माले में ऐतिहासिक फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने तय किया था कि अयोध्या में विवादित जगह पर मंदिर बनेगा और इस काम को केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाकर करेगी।
साथ ही मुसलमानों को किसी वैकल्पिक जगह पर 5 एकड़ जमीन मिलेगी, जिसपर मस्जिद बनाई जाएगी। इन दोनों निर्माण की निगरानी ट्र्स्ट करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या की विवादित जमीन पर रामलला का मालिकाना हक तय कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि 3 महीने में एक ट्रस्ट बनाया जाए, जो मंदिर निर्माण के नियम तय करेगा। कोर्ट ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी।