केरल के सुन्नी मौलानाओं और इस्लामिक विद्वानों के प्रभावशाली संगठन समस्त केरला जमियतुल उलमा ने महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश पर पाबंदी के अपने रुख को दोहराया है।
संगठन ने मंगलवार को कहा कि मुस्लिम महिलाओं को अपने घर के अंदर ही नमाज पढ़नी चाहिए। संगठन ने कहा कि वह अपने धार्मिक मामलों में कोर्ट का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकती है।
नवभारत टाइम्स डॉट कॉम पर छपी खबर के अनुसार, संगठन के महासचिव के अलीक्कूटी मुसलियर ने कहा, ‘हम धार्मिक मामलों में कोर्ट के हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं कर सकते हैं। हमें अपने धार्मिक नेताओं के निर्देशों को मानना चाहिए।’
मुसलियर का यह बयान महिलाओं को मस्जिद में प्रार्थना की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका को स्वीकार करने के बाद आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
Muslim women should pray inside homes, says body of Sunni scholars and clerics
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— The Times Of India (@timesofindia) April 17, 2019
मुसलियर ने कहा कि उनके संगठन ने सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर भी इसी तरह का रुख अपनाया था। उन्होंने कहा कि मस्जिद में केवल पुरुषों को ही नमाज पढ़नी चाहिए। मुसलियर ने कहा, ‘मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश को लेकर नियम नया नहीं है। यह नियम पिछले 1400 साल से अस्तित्व में है। पैगंबर मोहम्मद साहब ने भी इस संबंध में अपना स्पष्टीकरण दिया था।’
बता दें कि मंगलवार को मुस्लिम महिलाओं को मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, एनसीडब्ल्यू, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
दरअसल पुणे के मुस्लिम दंपती ने सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश को लेकर याचिका दायर की थी। याचिका में दंपती ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को भी मस्जिद में प्रवेश और प्रार्थना का अधिकार मिले।
इस दौरान जस्टिस बोबडे ने यह भी कहा, ‘जैसे आपके घर मे कोई आना चाहे तो आपकी इजाजत जरूरी है। इसमे सरकार कहां से आ गई?’ सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबड़े ने पूछा कि मुंबई की हाजी अली की दरगाह पर तो महिलाओं को जाने की इजाजत है।
इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि कुछ जगहों पर अब भी रोक लगी हुई है। जस्टिस नजीर ने पूछा, ‘इस बाबत मक्का-मदीना में क्या नियम है?’ इसके बाद याचिकाकर्ता ने कनाडा की एक मस्जिद का भी हवाला दिया।
साभार- ‘नवभारत टाइम्स डॉट कॉम’