मुस्लिम महिलाओं को नमाज अता करने के लिए मस्जिदों में प्रवेश करने देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका पर आज सुनवाई होने वाली है। न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की पीठ याचिका पर सुनवाई करेगी।
दरअसल, यासमीन जुबेर अहमद पीरजादे और जुबेर अहमद नजीर अहमद पीरजादे नाम के एक मुस्लिम दंपत्ति ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ काउंसिल को इस बाबत आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने की मांग की है। याचिका में इस परंपरा को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का आग्रह किया गया है।
न्यूज़ ट्रैक पर छपी खबर के अनुसार, याचिका में महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश औऱ नमाज अता करने पर लगी रोक को पक्षपातपूर्ण करार दिया गया है और कहा गया है कि इस रोक को असंवैधानिक घोषित किया जाए क्योंकि यह रोक असंवैधानिक है और अन्नुछेद 14, 15, 21, 25 और 29 के विरुद्ध है। उल्लेखनीय है कि सुन्नी मस्जिदों में महिलाओं को प्रवेश कर नमाज अता करने पर पाबन्दी है।
आपको बता दें कि मोहम्मद साहब के दौर में महिलाओं को मस्जिद में प्रवेश कर नमाज अता करने ने की अनुमति थी। देश में दिल्ली की जामा मस्जिद सहित कई मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत तो है।
फिर भी वे पुरुषों की तरह समान कतार में बैठकर नमाज नहीं पढ़ सकती हैं। उन्हें नमाज पढ़ने के लिए हमेशा अलग जगह दी जाती है. इसके अलावा वे मगरिब के बाद भी मस्जिद में नमाज अता नहीं कर सकती हैं।