मेरठ साम्प्रदायिक हिंसा: नुकसान से किसको क्या मिला?

   

उत्तर प्रदेश के शहर मेरठ में कथित बलात्कार के विरुद्ध कार्यवाही के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हो गयीं जिसमें दस लोग घायल हो गये जबकि एक मस्जिद सहित मुसलमानों के कई घरों को जला दिया गया।

टाइम्ज़ आफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मेरठ के क्षेत्र क़ैसरगंज में पुलिस और नागरिकों के बीच झड़पों में कम से कम दस लोग घायल हुए और कई गाड़ियों को नुक़सान पहुंचा जबकि पुलिस की बड़ी संख्या तैनात कर दी गयी और इसी दौरान कई स्थानों पर आग लगी जिसमें एक मस्जिद भी शामिल है।

रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के विरुद्ध प्रदर्शन किए जिसके बाद अतिरिक्त पुलिसफ़ोर्स को शहर के केन्द्रीय क्षेत्रों क़ैसरगंज और भूसमंडी में तैनात कर दिया गया।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, प्रशासन का कहना था कि स्थानीय लोग सेना की ज़मीन पर 150 से अधिक घर बनाकर ठहरे हुए हैं जबकि स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना का ज़िम्मेदार क़रार देते हुए कहा है कि पुलिसकर्मियो ने घरों और मस्जिद को आग लगा दी। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार मुसलमानों के 200 घरों को आग लगा दी गयी जिसका आरोप स्थानीय मुसलमान सुरक्षा बलों पर लगा रहे हैं।