कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस सरकार को किसी तरह का खतरा होने से मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इनकार किया है. इस तरह की खबरों के बीच उन्होंने कहा कि उनकी सरकार स्थिर है और वह पूरी तरह से निश्चिंत हैं. कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं अपनी मजबूती को जानता हूं. मेरी सरकार स्थिर है. चिंता मत करिए.’ उन्होंने कहा, ‘हमारे कन्नड़ (टीवी) चैनलों में पिछले एक हफ्ते से जो कुछ भी दिखाया जा रहा है, मैं उसका लुत्फ उठा रहा हूं.’

जेडीएस नेता ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘क्या होने जा रहा है? यदि दो निर्दलीय (विधायक) समर्थन करने (भाजपा को) की घोषणा भी कर दें तो क्या संख्या होगी? मैं पूरी तरह से निश्चिंत हूं.’ दरअसल, एक निर्दलीय विधायक एच नागेश और केपीजेपी के विधायक आर शंकर ने राज्यपाल वजुभाई वला को पत्र लिख कर सात माह पुरानी कुमारस्वामी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा की.

 

कर्नाटक में सियासी समीकरण बिगड़ने की आहट आने लगी है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की सरकार को समर्थन दे रहे दो निर्दलीयों ने समर्थन वापस ले लिया है. हालांकि निर्दलीयों के समर्थन वापस लेने से कुमारस्वामी की सरकार पर तत्काल कोई संकट पैदा नहीं हुआ है. राज्य की 224 विधानसभा में बहुमत के लिए 113 सीटें चाहिए. कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास 116 सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास 104 सीटें हैं. कांग्रेस के 79, जेडीएस के 37, बसपा, केपीजेपी और निर्दलीय के एक-एक विधायकों का कुमारस्वामी सरकार को समर्थन प्राप्त था. दो निर्दलीयों के समर्थन वापस लेने के बाद भी कुमारस्वामी सरकार को 114 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

गौरतलब है कि कर्नाटक में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोप का दौर सोमवार को तब शुरू हुआ था जब सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन तथा भाजपा ने एक-दूसरे पर विधायकों को लालच देकर तोड़ने के आरोप लगाए थे. कांग्रेस-जदएस ने जहां भाजपा पर विधायकों को लालच देने के आरोप लगाए वहीं राज्य भाजपा के प्रमुख बीएस. येदियुरप्पा ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि सरकार गिराने के लिए उनकी पार्टी ‘ऑपरेशन कमल’ में लगी हुई है.