मोदी सरकार इन 10 बैंको को मिलाकर बनाएगी 4 बैंक, अब देश में बचेंगे सिर्फ 12 सरकारी बैंक !

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भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय से देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनेगा. उन्होंने कहा कि पीएनबी, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक के विलय से बनने वाले बैंक के पास 17.95 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा और उसकी 11,437 शाखाएं होंगी. इसके अलावा उन्होंने अन्य बैंकों के विलय को लेकर भी घोषणा की.

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कैनरा बैंक और सिंडीकेट बैंक का विलय होगा और इससे 15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा. यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक का भी विलय होगा, जिससे यह देश का 5वां बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा, जिसका कुल कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये को होगा. इसके अलावा इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी विलय होगा, जिससे 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ सार्वजनिक क्षेत्र का 7वां बड़ा बैंक बनेगा. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैंक ऑफ इंडिया और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप बने रहेंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि बैंकों के निदेशक मंडलों को स्वतंत्र निदेशकों के बैठकों में शामिल होने को लेकर मानदेय तय करने की अनुमति दी गई.

सार्वजनिक बैंकों का फंसा कर्ज गिरकर 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया: सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुनाफे में सुधार हुआ है. बैंक का कुल फंसा कर्ज (एनपीए) दिसंबर 2018 के अंत में 8.65 लाख करोड़ रुपये से घटकर मार्च 2019 अंत में 7.9 लाख करोड़ रुपये रह गया. वित्त मंत्री ने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना के क्रियान्वयन से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और आवास वित्त कंपनियों के लिए पूंजी आधार में सुधार आया है. 3,300 करोड़ रुपये की पूंजी डाली जा चुकी है और अतिरिक्त 30,000 करोड़ रुपये देने की तैयारी है. सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को लेकर उठाए कदमों की घोषणा करने के लिए अपने दूसरे संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरू किए गए सुधारों का परिणाम दिखने लगा है. 2019-20 की पहली तिमाही में उनमें से 14 बैंकों ने मुनाफा दर्ज किया है.