प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की नीतियों पर अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सवालिया निशान लगाए हैं। मूडीज के मुताबिक, देश में मोदी सरकार की नई नीतियों (घोषित और प्रस्तावित) की वजह से अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लग सकता है। मूडीज के हवाले से रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया, “अगर खर्चों को संतुलित किए बगैर कृषि क्षेत्र पर यूं ही अधिक सब्सिडी दी जाती रही, तब भविष्य में वित्तीय संकट पैदा हो सकता है। भारत में नई नीतियों से वित्तीय घाटे का संकट बढ़ने की आशंका रहेगी।”
बकौल अमेरिकी एजेंसी, “ऐसे में राजस्व बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए बगैर सरकार के लिए वित्तीय स्थिति को दुरुस्त करने वाले लक्ष्यों को हासिल करना मुश्किल होगा।” आगे यह भी कहा गया है- तात्कालिक वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए किसी एक स्रोत का इस्तेमाल ज्यादा उचित नहीं होगा। साथ ही खर्च में कटौती वित्तीय नीति के कम प्रभावी होने का संकेत है।
मौजूदा समय में देश की अर्थव्यवस्था उभरते बाजारों में मची खलबली के साथ रुपए के भाव में आई कमी से जूझ रही है। जानकारों की मानें तो 2019 के आम चुनाव भी नजदीक हैं, जिससे पहले मोदी सरकार पर सरकारी खर्च बढ़ाने का दबाव है। ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए संकट पैदा हो सकता है।
हालांकि, पिछले साल देश की अर्थव्यवस्था बाकी देशों के मुकाबले तीव्र गति से आगे बढ़ी थी। वैश्विक सलाहकार कंपनी पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट में इससे पहले संभावना जताई गई थी कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के मामले में यूनाइटेड किंगडम (यूके) को पछाड़ देगा। कंपनी की वैश्विक अर्थव्यवस्था निगरानी रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया- 2019 में यूके की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 1.6 फीसदी रहेगी, फ्रांस की 1.7 प्रतिशत होगी और भारत की 7.6 फीसदी रहेगी।