मोब लिंचिंग में मारे गए तबरेज के पिता की भी 14 साल पहले भीड़ ने ली थी जान

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झारखंड में जिस तरह से मुस्लिम युवक तबरेज अंसारी की कुछ लोगों ने पीट-पीटकर हत्या की उसके बाद यह मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है। तबरेज अंसारी की हत्या के बाद परिवार ने आरोप लगाया है कि यह दूसरी बार है जब इस तरह की घटना का सामना परिवार को करना पड़ा है। 14 वर्ष पहले भी तबरेज के पिता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई थी, उनका शव गांव के जंगल में पाया गया था। बता दें कि 17 जून को तबरेज अंसारी से कुछ लोगों ने जबरन जय श्री राम, जय हनुमान के नारे लगवाए और उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।

घटना के चार दिन बाद 22 जून को तबरेज की मौत हो गई। तबरेज को सराईकेला करसवान सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उसका इलाज न्यायिक हिरासत में चल रहा था। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमे देखा जा सकता है कि कुछ लोग तबरेज के साथ मारपीट कर रहे हैं।

पिता का भी मिला था शव तबरेज की उम्र महज 24 वर्ष थी, ऐसे में जिस तरह से उसकी हत्या की गई थी, उसके बाद परिवार में पिता की मौत की याद ताजा हो गई थी। वर्ष 2005 में तबरेज की उम्र महज 10 वर्ष की थी और उसकी बहन की उम्र आठ वर्ष थी। इसी वर्ष तबरेज के पिता मकसूर आलम का शव मिला था। तबरेज के दोस्त लुकमान अंसारी का कहना है कि आलम जंगल में अपने हिंदू दोस्त के साथ गए थे, जिसके बाद दो दिन बाद उनका शव जंगल से मिला था। जिसके बाद पुलिस ने आलम के चार दोस्तों के खिलाफ केस दर्ज की थी। लेकिन घटना के छह महीने बाद इन चारों लोगों के भी शव जंगल में मिले थे।

पिता का भी मिला था शव तबरेज की उम्र महज 24 वर्ष थी, ऐसे में जिस तरह से उसकी हत्या की गई थी, उसके बाद परिवार में पिता की मौत की याद ताजा हो गई थी। वर्ष 2005 में तबरेज की उम्र महज 10 वर्ष की थी और उसकी बहन की उम्र आठ वर्ष थी। इसी वर्ष तबरेज के पिता मकसूर आलम का शव मिला था। तबरेज के दोस्त लुकमान अंसारी का कहना है कि आलम जंगल में अपने हिंदू दोस्त के साथ गए थे, जिसके बाद दो दिन बाद उनका शव जंगल से मिला था। जिसके बाद पुलिस ने आलम के चार दोस्तों के खिलाफ केस दर्ज की थी। लेकिन घटना के छह महीने बाद इन चारों लोगों के भी शव जंगल में मिले थे।

शादी के महज डेढ़ महीने बाद हत्या तबरेज अपने गांव रमाजन से पहले शादी के लिए आया था। लेकिन शादी के महज डेढ़ महीने के बाद ही तबरेज की हत्या हो गई। यह घटना उस वक्त हुई जब तबरेज अपने दोस्तों के साथ वापस घर जा रहा था। घर से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर ही यह घटना हुई। तबरेज 24 जून को अपनी पत्नी के साथ वापस पुणे जाने वाला था। तबरेज की पत्नी शाइश्ता अंसा्री का कहना है कि उसपर उस वक्त हमला हुआ जब मंगलवार को तबरेज अपने दो दोस्तों के साथ जमशेदपुर से वापस आ रहा था। जिस वक्त तबरेज पर हमला हुआ उसके दोनों दोस्त वहां से भाग गए।