ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली टेस्ट सीरीज जीतने के बाद भारतीय टीम की निगाहें अब वनडे सीरीज पर हैं. 12 जनवरी से शुरू हो रही तीन मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम में जसप्रीत बुमराह को शामिल नहीं किया गया है. टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बुमराह को आराम दिया गया है, लेकिन उनकी जगह जिस मोहम्मद सिराज को टीम में जगह मिली है, उसकी कहानी किसी आश्चर्य से कम नहीं है. तीन साल पहले तक जिस खिलाड़ी ने क्रिकेट की गेंद से गेंदबाजी तक नहीं की थी, वह कंगारुओं के खिलाफ भारतीय टीम की तरकश का सबसे बड़ा हथियार हो सकता है
ऑटो रिक्शा चलाने वाले पिता के बेटे सिराज का बचपन गरीबी में बीता. चार लोगों का उनका परिवार हैदराबाद के बंजारा हिल्स इलाके में एक कमरे के मकान में रहता था. पिता की कमाई से परिवार का खर्च मुश्किल से चलता था. मां शबाना बेगम की इच्छा थी कि बच्चे अच्छे से पढ़ाई-लिखाई करें तो परिवार को गरीबी से निजात मिलने की संभावना बने. लेकिन सिराज को तो छोटी उम्र से ही क्रिकेट पसंद आ गया था. दरअसल, सिराज जब सातवीं क्लास में पढ़ते थे तो उन्हें इंटर स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए स्कूल टीम में शामिल किया गया. संयोग से उनकी टीम यह टूर्नामेंट जीत गई और सिराज इसके बाद क्रिकेट के ही होकर रह गए.
हालांकि, क्रिकेट में करियर बनाना सिराज के लिए आसान नहीं था. उन्हें इसके लिए अक्सर मां की डांट सुननी पड़ती थी. मां चाहती थीं कि सिराज भी पढ़ाई कर बड़े भाई की तरह सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनें, लेकिन सिराज को तो तेज गेंदबाजी का चस्का लग चुका था. वे अपनी क्लास छोड़कर ज्यादा समय क्रिकेट के मैदान पर ही बिताते.
सिराज को गेंद की तेजी से प्यार था. वे टेनिस बॉल क्रिकेट खेलते थे और उनकी गेंदों की तेजी से विपक्षी बल्लेबाज सहमे रहते थे. बंजारा हिल्स इलाके में सिराज खासे लोकप्रिय थे, लेकिन अब तक उन्होंने क्रिकेट बॉल से गेंदबाजी नहीं की थी. इसकी शुरुआत 2015 में हुई जब एक दोस्त ने सिराज को यह सलाह दी. क्लब क्रिकेट के शुरुआती मैचों में ही उन्होंने विकेटों की झड़ी लगा दी. यहीं से सिराज के करियर का नया अध्याय शुरू हुआ जो जूनियर क्रिकेट से होते हुए अब टीम इंडिया तक पहुंचा है.
उन्हें पहले हैदराबाद के अंडर 23 टीम में जगह मिली और इसके ठीक बाद रणजी टीम में. हालांकि, 2015-16 में उन्हें हैदराबाद के लिए एक ही रणजी मैच खेलने का मौका मिला, लेकिन अगले सीजन में 41 विकेट लेकर उन्होंने अपनी टीम को क्वार्टर फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. इसके बूते उन्हें ईरानी ट्रॉफी के लिए शेष भारत की टीम में शामिल किया गया. फिर आईपीएल की नीलामी में सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने उन्हें 2.6 करोड़ रुपए में खरीदा और अब सिराज टीम इंडिया के लिए खेलने का सपना देखने लगे थे.
उन्हें इसके लिए भी ज्यादा इंजतार नहीं करना पड़ा. 2017 मे न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए उन्हें भारतीय टीम में जगह मिल गई. सिराज अब तक भारत के लिए तीन टी20 मैच खेल चुके हैं, लेकिन उनके लिए असली परीक्षा की घड़ी अब शुरू हुई है. विदेशी जमीन पर उन्हें पहली बार वनडे टीम में शामिल किया गया है और उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी होगी. उन्हें जिस जसप्रीत बुमराह की जगह टीम में जगह मिली है, वे टेस्ट सीरीज के दौरान सबसे सफल गेंदबाज थे. सिराज पर दबाव तो होगा, लेकिन इससे उबरकर यदि वे टीम की जीत में योगदान दे पाएं तो हैदराबाद की गलियों से निकलकर वे उस मुकाम की ओर आगे बढ़ेंगे, जिसका सपना भी कुछ लोग ही देख पाते हैं.