यमन की ज़ंग: 12 साल की उम्र में फातिमा हो गयी है सिर्फ़ दस किलोग्राम की!

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यमन में सऊदी अरब और उसके घटकों की ओर से जारी युद्ध के कारण अधिकतर बच्चे या तो कुपोषण का शिकार हो गये हैं या उन्हें दो समय का खाना नहीं मिल रहा है।

यही हाल यमन की एक 12 वर्षीय बच्ची फ़ातेमा का है जो कुपोषण का शिकार हो गयी है और उसका वज़न केवल 10 किलोग्राम है। सऊदी अरब और उसके घटकों की बमबारी के बीच यमनवासियों ने इस बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसका उपचार चल रहा है। फ़ातेमा की लंबाई 120 सेन्टीमीटर है। यमन की फ़ातेमा को देखकर मानवता शर्मसार है।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, इससे पहले यूनीसेफ ने यमन के बारे में अपनी रिपोर्ट में बताया था कि यमन के लगभग चार लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। यमन में लगभग एक करोड़ दस लाख बच्चे हैं जिनमें से अधिकांश को इस समय मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2015 से अबतक यमन में 10 हज़ार लोग हताहत हो चुके हैं जबकि मानवाधिकारों के कुछ गुटों का कहना है कि यमन युद्ध में मारे गये लोगों की संख्या 5 गुना अधिक हो सकती है।

ज्ञात रहे कि सऊदी अरब ने अमरीका के आशीर्वाद से संयुक्त अरब इमारात एवं कुछ अन्य देशों के साथ मिलकर मार्च 2015 को यमन पर हमला किया था जो अब भी जारी है। यमन पर सऊदी अरब के आक्रमण ने इस निर्धन देश को खाद्ध पदार्थ तथा दवाओं की कमी से दोचार कर रखा है।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र संघ सहित लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों द्वारा यमन में दी जा रही मानव त्रासदी की चेतावनी के बावजूद सऊदी अरब अपने कुछ अरब देशों की सहायता और अमेरिका एवं इस्राईल की मदद से यमन पर हर दिन बमबारी कर रहा है।