यरुशलम: मस्जिद अल अक्सा में अज़ान की आवाज़ को रोकने की कोशिश, इजरायल लगाना चाहता है पाबंदी!

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फ़िलिस्तीन का ऐतिहासिक बैतुल मुक़द्दस नगर इस्लाम विशेष महत्व रखता है। इस शहर में मस्जिदुल अक़सा सहित अनगिनत इस्लामी पवित्र स्थल हैं जबकि ईसाई व यहूदी धर्मों के भी प्राचीन पवित्र स्थाल यहां मौजूद हैं।

इस इस्लामी शहर में मुसलमानों के साथ अन्य धर्मों के लोग भी हमेशा से मेलजोल के साथ रहते आए हैं मगर जब से ज़ायोनी शासन की स्थापना हुई है उस समय से बैतुल मुक़द्दस ही नहीं बल्कि फ़िलिस्तीन के अन्य क्षेत्रों में भी टकराव शुरू हो गया।

ज़ायोनी शासन यह कोशिश कर रहा है कि फ़िलिस्तीनी इलाक़ों का यहूदीकरण कर दे। बैतुल मुक़द्दस नगर में ज़ायोनी शासन ने इस प्रकार के अनेक क़दम उठाए हैं जिनसे शहर की इस्लामी पहिचान धूमिल पड़ जाए।

इसी क्रम में ज़ायोनी शासन ने बैतुल मुक़द्दस शहर में अज़ान की आवाज़ दबाने की योजना बनाई है। बैतुल मुक़द्दस की ज़ायोनी नगरपालिका ने मस्जिदों से उठने वाली अज़ान की आवाज़ को बंद करवाने के लिए नई चाल सोची है।

ज़ायोनी संसद नेसेट ने लगभग एक साल पहले अज़ान की आवाज़ें बंद करवाने के लिए एक क़ानून बनाया था लेकिन यह क़ानून भी अज़ान की आवाज़ नहीं रोक सका तो अब नगरपालिका ने अपने स्तर पर यह काम शुरू किया है।

नगरपालिका ने आदेश दिया है कि मस्जिदों की छतों पर लगे लाउड स्पीकर बदले जाएं और उनकी जगह छोटे लाउड स्पीकर लगाए जाएं। नगरपालिका ने तर्क दिया है कि अज़ान दी जाती है तो शहर में बहुत शोर होता है इसलिए ज़रूरी है कि मस्जिदों में छोटे लाउड स्पीकर लगा दिए जाएं।

नगरपालिका की ओर से यह आदेश जारी जाने के बाद धर्मिक स्थलों व बैतुल मुक़द्दस की रक्षा की इस्लामी-ईसाई कमेटी ने कहा है कि ज़ायोनी शासन बैतुल मुक़द्दस की मस्जिदों की अज़ान की आवाज़ रुकवाने की कोशिश कर रहा है।

कमेटी ने कहा है कि अज़ान तो बैतुल मुक़द्दस नगर की पहिचान है यह आवाज़ अपने निर्धारित समय पर मस्जिदुल अक़सा तथा अन्य मस्जिदों से एक साथ उठती है तो आध्यात्मिक वातावरण छा जाता है।

नगरपालिका ने पुलिस को यह अधिकार दिया है कि वह शहर की जिस मस्जिद में भी चाहे अज़ान की आवाज़ कम करवा दे। यह योजना बैतुल मुक़द्दस के नए मेयर मूशिए लियोन की है जिनका संबंध इस्राईल आवर होम पार्टी से है। यह पूर्व युद्ध मंत्री एविग्डर लेबरमैन की बार्टी है जो चरमपंथी ज़ायोनी माने जाते हैं। लियोन अभी दो महीना पहले ही बैतुल मुक़द्दस के मेयर बने हैं।

अज़ान की आवाज़ पर इस्राईली अधिकारियों को शुरू से ही बड़ी आपत्ति है। इस्राईल की खेल मंत्री मैरी रेगीव ने पहले कहा था कि अज़ान की आवाज़ कुत्तों के भौंकने की आवाज़ के समान है अब यह अलग बात है कि हाल ही में ज़ायोनी खेल मंत्री ने इमारात का दौरा किया और वहां उन्होंने बिन ज़ाएद मस्जिद को भी भीतर से देखा।

बैतुल मुक़द्दस नगर इतना पुराना है और इसकी इस्लामी पहिचान इतनी पुरानी और सुदृढ़ है कि ज़ायोनी शासन के बस की बात नहीं है कि इस शहर की पहिचान बदल दे। मगर नेतनयाहू सरकार अपनी कोशिश लगातार जारी रखे हुए।

साभार- ‘parstoday.com’