लाहौर, 2 फरवरी । कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की पत्नी मुशाल हुसैन मलिक ने पाकिस्तान सरकार से भारत के साथ सभी राजनयिक संबंधों को खत्म करने और कश्मीर के लिए एकजुटता दिखाते हुए शिमला समझौते को भंग करने का आह्वान किया है।
मुशाल मलिक ने लाहौर में धार्मिक राजनीतिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह बात कही। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान से घाटी में भारतीय सेना द्वारा कश्मीरियों के कथित नरसंहार को उजागर करने की अपील भी की।
जमात-ए-इस्लामी के महासचिव अमीरुल अजीम ने कहा, सरकार राष्ट्र की अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल रही है। अजीम ने कहा कि सरकार का कश्मीर के प्रति दिखावटी प्रेम है।
उन्होंने कहा, सरकार को अवैध रूप से हिरासत में लिए गए कश्मीरी नेताओं यासीन मलिक, सैयद अली शाह गिलानी, आसिया अंद्राबी और अन्य की अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) और अन्य विश्व मंचों पर रिहाई सुनिश्चित करने का मामला उठाना चाहिए।
अजीम ने अंतर्राष्ट्रीय अधिकार समूहों को भी यासीन मलिक और उनकी बेटी के साथ बैठक करने की मांग की। इस मांग को लेकर उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार लंबे समय से इसके लिए इनकार कर रही है।
उन्होंने कहा, भारत सरकार ने डेढ़ साल से अधिक समय से एक फर्जी मामले में हुर्रियत नेता को एक मौत की कोठरी (डेथ सेल) में रखा है।
मुशाल मलिक ने सभी दलों से अपने राजनीतिक और आपसी मतभेदों को एक तरफ रखने और कश्मीर के मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए साथ आने की अपील की।
उन्होंने कहा, कश्मीर दक्षिण एशिया और पाकिस्तान सरकार का एकमात्र महत्वपूर्ण मुद्दा है। राजनीतिक दलों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानवता के खिलाफ भारतीय अपराधों को उजागर करने के लिए अपनी ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान की ओर से एक निरंतर राष्ट्रीय कश्मीर नीति अपनाने की सख्त जरूरत है।
वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि भारत के साथ तब तक कोई बातचीत नहीं हो सकती, जब तक कि कश्मीर विवाद बातचीत के एजेंडे में शीर्ष पर नहीं होगा।
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